प्रेम शंकर पांडे ने कैसे किया uppcs टॉप।

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा 2023 के अंतिम परिणाम 23 जनवरी 2024 को देर रात जारी कर दिए गए जिसमें कुल 251 अभ्यर्थी सफल हुए दोस्तों  सफल अभ्यर्थियों में सभी की कहानी को जानना तो हमारे लिए मुमकिन नहीं है लेकिन उन चुनिंदा लोगों की कहानी जानने के लिए हम सभी उत्सुक रहते हैं जिन्होंने इतिहास रचा होता है हमारे अंदर कहीं न कहीं जिज्ञासा रहती है की एक आम व्यक्ति से उन व्यक्तियों में क्या खास था ।

इस सीरीज में हम आपको यूपीपीसीएस 2023 के उन महान योद्धाओं के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपने पागलपन के बदौलत अपनी तकदीर बदल दी ऐसी की कहानी है दूसरी रैंक लाने वाले प्रयागराज के मूल निवासी प्रेम शंकर पांडे जी के जिन्होंने 20 वर्ष भारतीय वायुसेना में सेवा देने के बाद भारत की सबसे कठिन मानी जाने वाली परीक्षा सिविल सर्विसेज की मुख्य परीक्षा में चार बार बैठने के बाद भी सफलता के उसे मुकाम पर ना पहुंच पाने के बाद उन्होंने हार नहीं मानी और उत्तर प्रदेश पीसीएस में छह बार प्रयास करके उसे मुकाम को हासिल किया, जिसके वह हकदार है और वह वर्तमान में एक डिप्टी कलेक्टर है। 

prem shankar pandey Biography
Prem Shankar pandey Biography

20 वर्ष भारतीय वायुसेना में की सेवा इसके बाद लगभग तीन माह समीक्षा अधिकारी के पद पर रहे कार्यरत और वर्तमान में हैं डिप्टी कलेक्टर “एसडीम”

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का बायोपिक स्टोरी में हम लोग इस ब्लॉग में यूपीपीसीएस2023 में दूसरी रैंक हासिल करने वाले प्रेम शंकर पांडे जी के बारे में विस्तार से जानने का प्रयास करेंगे जिसमें मुकता में मुख्ता जन्म स्थान परिवार शिक्षा लिंग धर्म जाति वैवाहिक जीवन बच्चे कौन-कौन से क्षेत्र में उन्होंने सेवा की और कैसा रहा यूपीएससी का सफरनामा इन सभी पहलुओं पर विस्तार से जाने का प्रयास करेंगे

प्रेम शंकर पांडे के बारे में

प्रेम शंकर का जन्म उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में हुआ था वर्तमान में उनका परिवार इलाहाबाद में रहता है प्रेम शंकर के पिता एक बस कंडक्टर थे और वह हाल ही में अपने पद से रिटायर हुए हैं उनकी माता जी गृहणी हैं प्रेम शंकर 4 भाई हैं वह अपने भाइयों में तीसरे स्थान पर हैं ।

प्रेम शंकर जी की 12वीं तक की शिक्षा राजकीय इंटर कॉलेज प्रयागराज से पूरी हुई है 12वीं की शिक्षा प्राप्त करने के बाद साल 2001 में उनका चयन भारतीय वायुसेना के टेक्निकल ट्रेड्समैन के पद पर हो गया था उन्होंने 20 वर्ष सेवा की और 2021 में वह अपने पद से रिटायर हुए हैं भारतीय वायुसेना में सेवा के दौरान ही छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर से व्यक्तिगत तौर पर  स्नातक और परास्नातक की डिग्री हासिल की।

वैवाहिक जीवन

प्रेम शंकर जी बताते हैं कि जब वह 17 वर्ष के थे तब उनका चयन भारतीय वायुसेना में टेक्निकल ट्रेड्समैन के पद पर हो गया था लगभग 10 वर्ष सेवा करने के पश्चात उनका विवाह उनके पिता ने कर दिया था जिससे उन्हें एक लड़की है।

प्रेम शंकर जी की शिक्षा

प्रेम शंकर जी ने अपने इंटरव्यू में बताया है कि उनकी 12वीं तक की शिक्षा राजकीय इंटर कॉलेज प्रयागराज से पूरी हुई है इसके बाद साल 2001 में उनका वायु सेवा में चयन हो जाता है जहां पर पद पर रहते कानपुर विश्वविद्यालय से प्राइवेट ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की शिक्षा प्राप्त की उन्होंने ग्रेजुएशन साल 2007 में और पोस्ट ग्रेजुएट साल 2009 में पूरा किया।

वायु सेवा में नौकरी करने के साथ शिक्षा प्राप्त करने का उद्देश्य है

प्रेम शंकर जी अपने इंटरव्यू में बताते हैं कि जब वह वायु सेवा में भारत की सेवा कर रहे थे तब उन्होंने सोचा की जिंदगी की पहली पारी पूरी होने के बाद क्या मैं अपने लाइफ में आगे ऐसे ही बैठा रहूंगा तब दिमाग में सवाल उठता है की क्यों ना प्राइवेट तौर पर आगे की शिक्षा जारी रखी जाए क्योंकि हमारे भारत में प्राइवेट और रेगुलर दोनों प्रकार की शिक्षा को सभी प्रकार की प्रतियोगिता परीक्षाओं में समानता दी जाती है।

लगभग 4 वर्ष नौकरी करने के पश्चात उन्होंने यह फैसला किया कि मुझे आगे की पढ़ाई जारी रखनी चाहिए कानपुर विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत तौर पर साल 2007 में स्नातक और साल 2009 में परास्नातक की डिग्री प्राप्त की। उच्च स्तरीय शिक्षा प्राप्त करने का उनका मुख्य उद्देश्य था सिविल सर्विसेज में जाना।

यूपी एस सी से यूपी पी सी एस का सफरनामा

प्रेम शंकर जी अपने इंटरव्यू में बताते हैं कि स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद उन्होंने सिविल सर्विसेज परीक्षा के लिए सेल्फ स्टडी करना शुरू कर दिया और उन्होंने साल 2010 में अपना पहला यूपीएससी का एग्जाम दिया जिसमें उन्हें प्रारंभिक परीक्षा में सफलता मिली और इसके बाद वह मुख्य परीक्षा में बैठे लेकिन वह बताते हैं मुख्य परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन न करने के कारण उन्हें साक्षात्कार के लिए नहीं चुना गया उनके साथ यह प्रक्रिया महज एक या दो बार नहीं हुई बल्कि चार बार हुई और वह चारों बार मुख्य परीक्षा के पड़ाव तक पहुंच कर और उसे पार कर साक्षात्कार के पड़ाव तक ना पहुंच सके ।

वह बताते हैं कि उन्हें बहुत ठेस पहुंची क्योंकि वह सामान्य जाति से आते हैं इसीलिए उनके पास यूपीएससी में बैठने के लिए चार ही अटेम्प्ट थे और उनका यूपीएससी का सफरनामा 2010 से 2015 में खत्म हो गया लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी उन्होंने सेवा में रहते हुए यूपीएससी से यूपीपीसीएस की तरफ मुड़ गए और उन्होंने अपने आप को लगभग 3 वर्ष का अवकाश दिया कुछ अपने पारिवारिक जीवन में व्यस्त सा हो गए थे

प्रेम शंकर जी अपने इंटरव्यू में बताते हैं कि स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद उन्होंने सिविल सर्विसेज परीक्षा के लिए सेल्फ स्टडी करना शुरू कर दिया और उन्होंने साल 2010 में अपना पहला यूपीएससी का एग्जाम दिया जिसमें उन्हें प्रारंभिक परीक्षा में सफलता मिली और इसके बाद वह मुख्य परीक्षा में बैठे लेकिन वह बताते हैं मुख्य परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन न करने के कारण उन्हें साक्षात्कार के लिए नहीं चुना गया ।

उनके साथ यह प्रक्रिया महज एक या दो बार नहीं हुई बल्कि चार बार हुई और वह चारों बार मुख्य परीक्षा के पड़ाव तक पहुंच कर और उसे पार कर साक्षात्कार के पड़ाव तक ना पहुंच सके वह बताते हैं कि उन्हें बहुत ठेस पहुंची क्योंकि वह सामान्य जाति से आते हैं इसीलिए उनके पास यूपीएससी में बैठने के लिए चार ही अटेम्प्ट थे और उनका यूपीएससी का सफरनामा 2010 से 2015 में खत्म हो गया लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी उन्होंने सेवा में रहते हुए यूपीएससी से यूपीपीसीएस की तरफ मुड़ गए और उन्होंने अपने आप को लगभग 3 वर्ष का अवकाश दिया कुछ अपने पारिवारिक जीवन में व्यस्त सा हो गए थे।

साल 2018 में एक बार फिर अपने आप को यूपीपीसीएस के सफर में चलने के लिए प्रेरित किया साल 2018 में उन्होंने अपना पहला यूपीपीसीएस का एग्जाम दिया लेकिन उनकी बुरी किस्मत या यूं कह लें कि उनके नसीब ने उनका साथ नहीं दिया उनका जो हाल यूपीएससी के एग्जाम में हुआ था वही यूपीपीसीएस के एग्जाम में हुआ मुख्य परीक्षा पास कर साक्षात्कार के लिए बुलावा नहीं आया और उनके साथ यह हादसा लगभग चार बार हुआ लेकिन प्रेम शंकर जी बताते हैं कि उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।

परिवार, विवाह, जिम्मेदारी और नई परीक्षाओं की तैयारी करते-करते उन्हें वायु सेवा से रिटायर होने का वक्त सा गया था क्योंकि इस साल 2021 में जब उनके भारतीय वायुसेना में 20 वर्ष पूरे हो चुके थे और वह अपने पद से रिटायर हो गए प्रेम शंकर जी बताते हैं रिटायरमेंट के बाद उन्हें यूपीपीसीएस के लिए अधिक समय मिलने लगा और उन्होंने हिम्मत कर 2022 में पांचवीं बार यूपीपीसीएस के एग्जाम में बैठे अच्छे अंकों के साथ प्रारंभिक परीक्षा को उत्तीर्ण कर मुख्य परीक्षा के द्वार पर पहुंचे कहते हैं मुख्य परीक्षा में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया और उन्हें पहली बार साक्षात्कार के लिए चुना गया उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था ।

कई मॉक इंटरव्यू देने के बाद वह मुख्य इंटरव्यू में पहुंचे उन्होंने इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन किया जिसकी उन्हें उम्मीद थी लेकिन उनका चयन ना हो सका वह उदास हो गए एक बार उन्हें पुनः ठेस पहुंची और उन्होंने लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी उनका सपना था की पहली पारी की सेवा करने के बाद मैं अपनी लाइफ में आगे लोगों की सेवा कर सकूं इसके लिए वह दिन-रात मेहनत करते रहे साल 2022 में ही उन्होंने उत्तर प्रदेश समीक्षा अधिकारी का फॉर्म भरा था जिसकी प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा में भी शामिल हुए थे इतने वर्षों का उन्हें निबंध और पत्र लिखने का अनुभव था ऐसे ही प्रश्न मुख्यतः समीक्षा अधिकारी की मुख्य परीक्षा में पूछे जाते हैं।

इसी के चलते उनका साल 2023 में प्रेम जी का चयन समीक्षा अधिकारी के पद पर हो गया उन्होंने बताया कि जब उनका चयन समीक्षा अधिकारी के पद पर हुआ तब उनके दिमाग से कुछ भार काम हुआ कि उन्होंने इतनी मेहनत की उनकी मेहनत का नतीजा था कि उन्हें सफलता मिली। और उन्होंने साल 2023 का अपनी लाइफ का 6वा यूपीपीसीएस का एग्जाम दिया प्रारंभिक परीक्षा मुख्य परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया और साक्षात्कार तक पहुंच कर इस बार अपने अधूरे सपने को पूरा किया 23 जनवरी 2024 देर रात जब अंतिम परिणाम आया तब वह अपने इंटरव्यू में बताते हैं कि उनके पास बोलने के लिए शब्द नहीं थे उनकी इतने सालों की मेहनत इतनी बार असफल होने के बाद मिलने वाले सफलता के लिए वह निशब्द थे।

जिंदगी के सफर में मिलने वाली सफलताएं और असफलताएं

प्रेम जी बताते हैं की 12वीं की परीक्षा पास कर उन्हें साल 2001 में ही लगभग साढे 17 वर्ष की आयु में भारतीय वायुसेना में टेक्निकल ट्रेड्समैन के पद पर चयन हो गया था इसी बीच में उन्होंने अपनी शिक्षा ओपन यूनिवर्सिटी  से प्राप्त कर 2010 से 2015 तक चार बार यूपीएससी का एग्जाम दिया और उन्हें चारों बार सिर्फ असफलता ही मिली लगभग 3 वर्ष की अवकाश के उपरांत साल 2018 में 2018 से 2023 तक उन्होंने छह बार यूपीपीसीएस का एग्जाम दिया ।

उन्हें अब तक चार बार यूपीएससी के एग्जाम में और पांच बार यूपीपीसीएस के एग्जाम में असफलता हाथ लगी 9 असफलताओं के बाद उन्हें दो सफलताएं मिली पहले सफलता 2023 में ही उन्हें समीक्षा अधिकारी का पद मिला और दूसरी सफलता साल 2023 में हुए यूपीपीसीएस की परीक्षा के तहत डिप्टी कलेक्टर का पद जनवरी 2024 में मिला।

उनका अंतिम विकल्प यूपी पी सी एस ही क्यों था

प्रेम जी बताते हैं साल 2018 में जब यूपीपीसीएस के पाठ्यक्रम में बदलाव हुआ तो उन्हें एक बार फिर अवसर मिला की यूपीएससी के पाठ्यक्रम पर आधारित यूपीपीसीएस की परीक्षाएं होंगी। दूसरा मुख्य कारण था इलाहाबाद की पृष्ठभूमि से आना प्रयागराज में सिर्फ एक ही बोलबाला रहता है सिविल सर्विसेज या  पीसीएस यही 2 मुख्य कारण थे जिनकी वजह से उनका झुकाव पीसीएस की तरफ अधिक रहा।

यूपी पी सी एस 2023 में चयन होने का मुख्य कारण क्या रहा

दृष्टि पीसीएस के मॉक इंटरव्यू में उन्होंने इस बात का जिक्र किया है की साल 2022 में उनका चयन क्यों नहीं हो पाया था उनका इसका मुख्य कारण था वैकल्पिक विषय का होना, वह बताते हैं कि साल 2022 और इससे पहले भी उनका वैकल्पिक विषय अच्छा नहीं रहा था और साल 2023 से राज्य सरकार द्वारा वैकल्पिक विषय को हटा दिया गया था इसके चलते प्रेम जी बताते हैं कि उनका चयन आसानी से हो गया और उन्हें दूसरी रैंक मिली जिसके लिए वह प्रभु के सदा आभारी हैं।

तैयारी के दौरान कैसे करते थे समय प्रबंधन

प्रेम जी बताते हैं अपने इंटरव्यू में प्रेम जी अपने इंटरव्यू में बताते हैं 20 वर्षों के दौरान जब वह वायुसेना में थे उसे समय तक उन्हें परिवार और वायु सेवा सबको समय देना होता था और इसी के साथ उन्हें लगभग तीन से चार घंटे ही पढ़ने को मिल पाए थे लेकिन बताते हैं जब उन्हें 2021 में वायु सेवा से रिटायरमेंट मिला तब लगभग 2 वर्ष के लिए वह 10 से 12 घंटे पढ़ने लगे थे इसी का परिणाम था कि उन्हें साल 2023 में दो सफलताएं मिली पहली सफलता थी सचिवालय में समीक्षाअधिकारी का पद और दूसरी डिप्टीकलेक्टर का पद।

इतनी लंबीअवधि तक टिके रहने की प्रेरणा

प्रेम जी बताते हैं कि हम सभी जानते हैं कि इस सफरनामें में समय लगेगा। किसी को 3 साल लग सकते हैं किसी को 5 साल रही बात प्रेरणा की तो उन्होंने कहा कि मेरा दोस्त कहता है कि आपकी परिस्थिति ही आपकी प्रेरणा है जिस परिस्थिति में आप हैं उसे परिस्थिति को आप याद कर लीजिए और आपके माता-पिता किस हालत में हैं इससे बड़ी इस दुनिया में कोई प्रेरणा नहीं हो सकती आपका लक्ष्य ही आपका मोटिवेशन है।

डिप्टी कलेक्टर के बाद की यात्रा

बाते UP  तक के इंटरव्यू में प्रेम जी ने बताया है कि उनकी अगली यात्रा है प्रदेश की सेवा करना जिसमें उनके मुख्य दो बिंदु होंगे जिसमें पहला बिंदु शासन स्तर से बनाई गई नीतियों को समय से लाभार्थियों तक पहुंचाना उन्होंने बताया कि इस बिंदु के बारे में उनसे मुख्य साक्षात्कार में में भी पूछा गया था और उनका अगला बिंदु है शिकायत निवारण प्रेमजी का मानना है अगर जनता की आपको सेवा करनी है तो उसकी समस्या का समाधान अगर आपके स्तर से होना है तो आप अवश्य ही करें जनता की सबसे बड़ी यही सेवा है अपने स्तर से न होने वाली समस्या को आगे के मार्ग के लिए प्रेरित कर देना।

Leave a Comment