Ankit Baiyanpuria Biography in Hindi।कौन है अंकित बैयानपुरिया

Ankit Baiyanpuria Biography in Hindi : ” राम राम भाई सारेने “ दोस्तों इस टैगलाइन को हम सभी ने इंस्टाग्राम, यूटयूब, फेसबुक या अन्य किसी न किसी प्लेटफार्म पर सुना और देखा जरूर होगा ।

यह टैगलाइन है 75 day hard challenge को पूरा करने वाले अंकित बैयनपुरिया की ,जिन्होंने यह साबित कर दिया की बॉडी बनाने के लिए अण्डा और मांस खाना जरूरी नही है, उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने आप यह चैलेंज किया  की 75 दिन लगातार बिना रुके बिना थके रोजाना देशी तरीके से वर्कआउट करेंगे और शाकाहारी भोजन करेंगे।

उन्होंने यह चैलेंज पूरा किया और आज वह 75 day hard challenge का 96वा दिन पूरा कर चुके है और अंकित भाई ने जिस दिन 75 day hard challenge का 75वां दिन पूरा किया था उसी दिन से लोगों ने अंकित भाई के साथ इंटरव्यू करना शुरू कर दिया था।

Ankit Baiyanpuria Biography in Hindi
Ankit Baiyanpuria Biography in Hindi

दोस्तों शुरुआत में अंकित भाई की टैगलाइन पर कई लोगों ने कॉमेडी वीडियो बनाया है कि राम राम भाई ने आज है हमारा बेरोजगारी का फालना दिन धिमकाना दिन ऐसे करके लोगों ने कई सारे वीडियो बनाई लेकिन अंकित भाई कभी भी रुके नहीं जिस दिन उन्होंने अपनी मंजिल को पा लिया उसके बाद लोगों का मुंह बंद का बंद रह गया।

अंकित भाई के 75 हार्ड चैलेंज के 94 दिन पूरे होने के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अंकित भाई के साथ खुद एक वीडियो बनाया और वीडियो में अंकित और प्रधानमंत्री जी ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत श्रमदान किया और अंकित जी से उनके के बारे में पूछा और अंकित से ढेर सारे बातें की किसी ने सच ही कहा है

कि “शुरुआत और अंत में फर्क होता है मेहनत कर हल निकलेगा आज नहीं तो कल निकलेगा टू यू ना हो मायूस न घबरा अंधेरों से इन्हीं अंधेरों के दामन से सुनहरा कल निकलेगा”

दोस्तों आज हम लोग अंकित बैयनपुरिया के बारे में विस्तार से जानने का प्रयास करेंगे, इस ब्लॉग में अंकित के प्रारंभिक जीवन, शिक्षा, करियर ,उम्र ,जाति ,धर्म, वैवाहिक जीवन और उनका कैसे नाम पड़ा अंकित बैयनपुरिया, 75 डे हार्ड चलेंगे क्या है और प्रधानमंत्री जी के साथ पहली मुलाकात। इन सभी के बारे मे एक एक करके चर्चा करेंगे ।

अंकित बैयनपुरिया (Ankit Baiyanpuria) के बारे में

Table of Contents

अंकित बैयनपुरिया का जन्म 31 अगस्त 1998 में सोनीपत जिले के एक छोटे से गांव बैयनपुर में हुआ था वर्तमान में उनकी उम्र 25 वर्ष है। सोनीपत हरियाणा राज्य में आता है और हरियाणा में अधिक से अधिक किसानी होती है अंकित के पिता एक किसान हैं और उनकी माता एक ग्रहणी हैं अंकित का पूरा नाम अंकित सिंह है । अंकित एक माध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं। अंकित हिंदू धर्म से आते हैं । और वह सनातन धर्म का प्रचार और प्रसार करते हैं उनके वीडियो के टैगलाइन “राम राम भाई सारेने” है।

कौन है अंकित बैयानपुरिया ( Who Is Ankit Baiyanpuria )

अंकित बैयनपुरिया एक सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर हैं जिनका मुख्य पेशा बॉडीबिल्डिंग है और वह इन दिनों सोशल मीडिया पर अपने 75 डे हार्ड चैलेंज के लिए काफी सुर्खियों में है 1 अक्टूबर 2023 को प्रधानमंत्री मोदी जी ने अंकित के साथ स्वच्छ भारत मिशन के तहत श्रमदान किया और अंकित के साथ इस वीडियो को इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया। और अंकित के इंस्टाग्राम पर वर्तमान में 5.2 मिलियन फॉलोअर हो चुके हैं।

अंकित की प्रारंभिक शिक्षा

अंकित का परिवार एक माध्यम वर्गीय किसान परिवार से ताल्लुक रखता था इसीलिए अंकित की पढ़ाई प्राइवेट स्कूल में न होकर सरकारी स्कूल से हुई है अंकित ने कक्षा 10 तक की पढ़ाई  गवर्नमेंट हाई स्कूल बैयानपुर सोनीपत, हरियाणा से की है इसके बाद उन्होंने 12th की शिक्षा गवर्नमेंट सेकेंडरी हाई स्कूल मॉडल टाउन सोनीपत हरियाणा से की है। इसके बाद उन्होंने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक हरियाणा से बैचलर ऑफ आर्ट की डिग्री प्राप्त की।

अंकित बैयानपुरिया नाम कैसे पड़ा

अंकित की कहानी उन्हीं की जुबानी: अंकित की उम्र महज 25 वर्ष है और वह सोनीपत के बैयनपुर गांव से आते हैं उनके नाम के आगे बैयनपुरिया जोड़ने का मुख्य कारण देसी रेसलिंग में आपको किसी जाति, धर्म से नहीं पहचाना जाता बल्कि आपको आपके गांव के नाम से पहचाना जाता है इसीलिए अंकित ने अपने नाम के आगे  बैयानपुरिया लिखा तब से अंकित ने अपना नाम अंकित बैयानपुरिया रख लिया।

कैसे हुई फिटनेस की शुरुआत

उन्होंने बताया की रेसलिंग की शुरुआत तो आज से लगभग 13 वर्ष पहले शुरू हुई थी लेकिन अगर बात करें फिटनेस की तो उन्होंने रेसलिंग से 2 वर्ष पूर्व यानी अब से लगभग 15 साल पहले से वह दौड़ करते आ रहे हैं। और तब से अब तक लगातार वह फिटनेस पर काम करते आ रहे हैं।

कैसे हुई रेसलिंग करियर की शुरुआत

अंकित बताते हैं कि जब वह छोटे थे तब उनके पिता उन्हें दंगल दिखाने ले जाया करते थे और अन्य बच्चों को दंगल लड़ते देख उनके पिता की आंखों में एक तरह की चमक आ जाती थी। अंकित ने अपने पिता की आंखों की चमक को पहचान लिया और उसे ही अपना कैरियर बना लिया।

अंकित बताते हैं उनका दूसरा मुख्य कारण यह था कि जब वह स्कूल में पढ़ाई किया करते थे तब वह अपने सहपाठियों से कई बार नोक झोक में चोट भी खा जाते थे वह बताते हैं कि वह शुरुआती दौर में इतना मजबूत नहीं थे ,एक बार की बात है उनकी कक्षा के एक लड़के ने उनके ही उत्तर पुस्तिका पर जबरदस्ती अपना नाम डालकर जमा कर दिया इसके लिए वह कुछ नहीं कर पाए तभी से उन्होंने सोचा कि मुझे ताकतवर बनना है वह पढ़ाई में बहुत ही अच्छे थे सरकारी स्कूल में भी वह कक्षा के मॉनिटर हुआ करते थे लेकिन वह बताते हैं कि सिर्फ पढ़ाई करने से ही घर के हालात नहीं सुधरा करते ।

दोस्तों अंकित हरियाणा से आते हैं और हरियाणा में रेसलिंग , दंगल या यूं कहें खेल को लेकर अधिक उत्साह देखा जाता है तभी से अंकित ने या फैसला किया कि वह अपने पिता के लिए दंगल की दुनिया में कदम रखेंगे। अंकित ने अपने गांव में ही कृष्ण पहलवान जी से दंगल की शिक्षा ली जो उनके गुरु हैं। और रोजाना अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए मेहनत करते थे ।

बात साल 2017 की है जब वह स्नातक की पढ़ाई कर रहे थे तब उन्होंने अपना पहला कंपटीशन लड़ा यह कंपटीशन विश्वविद्यालय स्तर पर था जिसमें उन्होंने पहली बार में ही सिल्वर मेडल अपने नाम कर लिया इस मेडल को उन्होंने अपने पिता के गले में पहनाकर अपने पिता के चरणों को स्पर्श किया। और तभी से उनके रेसलिंग करियर की शुरुआत हुई ही थी।

अंकित बैयानपुरिया को अगले वर्ष 2018 में हिमाचल प्रदेश की दंगल में L5 स्लिप डिस्क की इंजरी हो जाती है और उन्हें दंगल से अलविदा कहना पड़ता है इसके बाद उनका मोटापा काफी बढ़ जाता है लेकिन वह बताते हैं 2019 और 2020 के दौरान उन्होंने दोबारा अपने आप को रिकवर किया।

अंकित बताते हैं उन्होंने 2020 में रिकवरी किया ही था कि इस साल उन्हें कोर्टेज इंजरी हो गई इसके बाद डॉक्टर ने उन्हें रेस्ट करने की सलाह दी वह बताते हैं कि वह दोबारा अनफिट हो गए साल 2022 में उनके गांव में दादा दामू दास के मेले में हो रहे दंगल में उन्होंने भाग लिया लेकिन उनकी खराब किस्मत अभी भी उनका साथ नहीं दे रही थी ।

इस बार उन्हें कंधे की इंजरी हो गई इन तीनों इंजरी के बाद वह मानसिक रूप से असंतुलित हो गए उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बताया है कि मानसिक रूप से असंतुलित होना बहुत ही खराब बात है लेकिन कोई भी इंसान नहीं चाहता कि वह मानसिक रूप से असंतुलित हो जाए इसके बाद उन्होंने अपने आप को संभाला और दोबारा अपने आप को खड़ा किया ।

वह बताते हैं कि जिस दौरान वह मानसिक पीड़ा से जूझ रहे थे उन्हें ऐसा आभास हो रहा था कि उनका सब कुछ खत्म हो गया है वह अपने पिता के सपने को कैसे पूरा करेंगे ऊपर वाला भी उनके साथ नहीं दे रहा है ऐसे ढेर सारे बुरे विचार उनके मस्तिष्क में पनपने लगे थे।

वह बताते हैं जब ऐसी स्थित आ जाए तब निराशा लाजमी है इसके बाद उनका वजन 87 किलो से बढ़कर 97 किलो हो गया था और उनका पेट भी निकल आया था उन्होंने यह सब देखकर दोबारा फिटनेस की ओर कदम बढ़ाया 1 ही था कि उनका कंधा पूरी तरह से मजबूत न होने के कारण उन्हें दोबारा कंधे की इंजरी हो गई। इसके बाद उन्होंने 75 डे हार्ड चैलेंज को एक्सेप्ट किया।

कहां से उत्पन्न हुआ 75 डे हार्ड चैलेंज

अंकित बताते हैं जिस समय वह मानसिक तनाव से जूझ रहे थे उसे समय उन्होंने मानसिक तनाव से मुक्ति पाने के लिए इंटरनेट पर खोज करना शुरू किया तब उन्हें इस 75 हार्ड के बारे में जानकारी मिली। इसको बनाया है अमेरिकी इन्वेस्टर लेखक एंडी क्रिसेला ने  इसका मुख्य उद्देश्य शारीरिक क्षमता को बढ़ाना नही है बल्कि मानसिक क्षमता का विकास करना है मानसिक स्थिति का सुधार करना है।

क्या है 75 day hard challenge

यह एक नियमवध शारीरिक व्यायाम करने का एक तरीका है जिसे मोटिवेशन की तरह नहीं बल्कि डिसिप्लिन की तरह फॉलो करना पड़ता है जिसमें आपको रोजाना कुछ नियम का पालन करना पड़ता है अगर किसी भी दिन कोई भी नियम अगर टूट तो आपको अपनी ईमानदारी के साथ डे वन से शुरुआत करनी होगी इसके पांच नियम है

  • आपको दिन भर के अंदर चार लीटर पानी पीना है ।
  • एक शाकाहारी डाइट फॉलो करनी है
  •  45 मिनट की दो व्यायाम सुबह और शाम करने है । जिसमें से एक व्यायाम घर के बाहर यानी खुले आसमान में होनी चाहिए।
  • रोजाना एक सेल्फी लेनी है
  • रोजाना किसी धार्मिक बुक का अध्ययन करना है।

जब अंकित ने इस 75 हार्ड चैलेंज को जाना और समझा तब उन्होंने अपने आप से एक वादा किया कि उन्हें इस 75 हार्ड चैलेंज को पूरा करना है।

अंकित बैयानपुरिया के द्वारा 75 हार्ड चैलेंज की शुरुआत

अंकित ने अपने वीडियो में बताया है कि उन्होंने 75 हार्ड चैलेंज को शुरू किया और वह लगभग डेढ़ माह तक उसे नियमित तरीके से पूरा कर पाए इसके बाद उन्हें लगा कि एक बार उन्हें कुछ दिनों के लिए रेस्ट लेना चाहिए फिर उन्होंने इस दौरान 15 दिन का अवकाश लिया फिर इसके बाद उन्होंने दोबारा से 75 हार्ड को एक्सेप्ट किया और डे फर्स्ट से ही दिन भर की दैनिक क्रिया की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करने लगे ।

उन्होंने 75 हार्ड चैलेंज के सेकंड फेस की शुरुआत 28 जून 2023 को की थी और इसे सफलतापूर्वक 11 अगस्त 2023 को पूरा कर लिया था। अंकित बताते हैं कि उन्होंने 75 हार्ड कि जब पहले दिन की वीडियो को बनाया था तो उसे एडिट करने में लगभग 4 घंटे का समय लगा था जिसे लेकर वह बहुत डिस्टर्ब हो गए थे फिर धीरे-धीरे समय अवधि कम होती गई और उन्हें अपने द्वारा की गई दैनिक क्रिया की वीडियो बनाने और एडिट करने में आसानी होने लगी धीरे-धीरे उनका सोशल मीडिया परिवार बढ़ता गया।

आज उनका इंस्टाग्राम परिवार 5.4 मिलियन का हो गया है और वही उनके यूट्यूब चैनल पर लगभग 20 लाख का परिवार हो चुका है। 75 हार्ड चैलेंज को पूरा करने के बाद अंकित से मिलने ओट सीजन 2 के विजेता एल्विस यादव आए हैं ।

उन्होंने अंकित से ढेर सारी बातें की और उनके नियमित रहने का राज सीखा और उन्होंने कहा की अंकित भाई क्या आप इसे 150 दिन तक लगातार कर सकते हैं अंकित भाई ने कहा मैं कोशिश करके देखता हूं और आज अंकित 75 हार्ड को पार करके 95 दिन को पूरा कर रहे हैं 75 दिन पूरा करने के बाद भी अंकित भाई नहीं रुके नहीं। और वो अब इस चैलेंज को 150 दिनों तक करने की कोशिश कर रहे है ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मुलाकात

इसी नियमबद्धता को देखते हुए सोशल मीडिया पर उन्हें बहुत प्यार मिला और इसी के चलते 94 दिन पूरा करने के बाद भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने 2 अक्टूबर से एक दिन पहले रविवार को स्वच्छ भारत मिशन की पहल के तहत श्रमदान किया और अंकित भाई के साथ श्रमदान का वीडियो भी बनाया और उसे बनाए हुए वीडियो को प्रधानमंत्री जी ने अपने ऑफिशियल अकाउंट से अंकित को कोलेब किया।

Ankit Baiyanpuria with PM

अंकित जी ने कौन-कौन सी नौकरी की है

अंकित ने अपने वीडियो में बताया है कि वह 8 साल पहले से कुछ ना कुछ जॉब करते आ रहे हैं उन्होंने सबसे पहले एक हलवाई की दुकान पर जो उनके करीबी चाचा लगते हैं शादी पार्टी में फ्रूट चार्ट काउंटर के नीचे बैठकर फल काटने का काम करते थे उन्हें एक रात के ₹250 और भरपेट भोजन मिलता था अंकित बताते हैं कि उन्होंने अपने पेट को पालने के लिए वह हर काम किया जो उन्हें मिला वह कभी भी शर्माए नहीं उन्होंने मजदूरी भी की इसके उन्हें ₹300 मिलते थे जिसमें उन्हें कंस्ट्रक्शन साइट पर ईट मसाला बजरी जैसे सामान उठाकर मिस्त्री को देना होता था।

उन्होंने एक बात बताएं कि घर के अंदर पहलवान पालना एक हाथी पालने के बराबर खर्च आता है । इसके बाद उन्होंने एक जिम में हेल्पर की नौकरी की कुछ समय बाद उन्होंने वह नौकरी छोड़ दी जिसमें उन्हें कंधे की इंजरी हो गई थी उसे समय उनकी दवाई में लगभग ₹12000 प्रति माह के हिसाब से खर्च आता था। 

जिसके लिए उन्हें अच्छा पैसा चाहिए था इसके लिए उन्होंने जोमैटो में डिलीवरी बॉय की नौकरी की और वहां 12 घंटे तक मोटरसाइकिल से खाना घर-घर पहुंचते थे उनके द्वारा कमाया गया अधिक से अधिक धन उनकी दवाई और रोजमर्रा की जिंदगी में खर्च होता था इतनी भाग दौड़ के बाद भी वह दिन में एक बार वर्कआउट जरूर करते थे उनके जिस अंग में इंजरी थी उस अंग की एक्सरसाइज को छोड़कर बाकी संपूर्ण एक्सरसाइज को वह रोजाना शामिल करते थे जिस समय बाद जोमैटो में काम करते थे उसे समय उनके 2000 फॉलोअर थे।

इसी के चलते उन्हें एक व्यक्ति ने पहचान लिया और उनसे कहा कि भाई आप अंकित हैं और आप यह काम कर रहे हैं आप हमारे साथ चलिए और हमारी दुकान पर आप सप्लीमेंट को केवल सेल कीजिएगा अंकित ने वह जॉब स्वीकार कर ले उनकी ₹9000 सैलरी थी और इसी के साथ अंकित कुछ लोगों को ट्रेनिंग भी देने लगे इसी के  चलते उन्हें अच्छी कमाई होने लगी। 

वह बताते हैं कि एक बार वह अपनी मौसी के घर गर्मियों की छुट्टी में गए थे घर के हालात अच्छे ना होने के कारण उन्होंने अपनी मौसी के घर के पास चावल फैक्ट्री में चावल के कट्टे ढोने का काम किया करते थे जिसके लिए उन्हें₹300 मिलते थे। उनके पिता एक मजदूर हैं और उनकी अब उम्र हो चुकी है इसी के चलते अंकित अपने पिता से काम नहीं करवाते हैं लगभग 5 वर्षों से वह स्वयं घर का खर्च उठाते हैं और अपने पिता को कठिन कार्यों को नहीं सौपते है।

मानसिक हेल्थ के बारे में अंकित के विचार

मानसिक पीड़ा बहुत ही दर्दनाक होती है इसमें इंसान अपना संतुलन खो देता है मानसिक संतुलन बनाए रखना बहुत ही आवश्यक है जिसके लिए हमें धार्मिक किताबें पढ़नी चाहिए अंकित ने भागवत गीता को सबसे पहले पढ़ना शुरू किया था इसके बाद अब वह विष्णु पुराण को पढ़ रहे हैं बताते हैं कि उन्हें गीता से बहुत कुछ मिला मानसिक स्थिति का सुधार उन्हें गीता पढ़ कर हुआ है।

Ankit Baiyanpuria

मोटिवेशन के बारे में अंकित भाई के विचार

अंकित ने अपने इंटरव्यू में बताया है कि मोटिवेशन एक तात्कालिक होता है मोटिवेशन के सहारे आप किसी भी कार्य को लंबी अवधि तक नहीं कर सकते उन्होंने 75 हार्ड को मोटिवेशन के सहारे नहीं बल्कि डिसिप्लिन के सहारे पूरा किया उनका यह मानना है मोटिवेशन से अधिक लाभदायक डिसिप्लिन होता है मोटिवेशन में आपका मस्तिष्क आपको बेवकूफ बना सकता है इसके जाल में आप फस जाते हैं इसके बाद आपको अधिक मानसिक पीड़ा होती है लेकिन डिसिप्लिन में आपका मस्तिष्क आपको बेवकूफ नहीं बना सकता अगर आपने यह सोच रखा है कि हमें यह कार्य करना है तो करना है हालात कैसे भी हो।

ओलंपिक 2024 के पोस्टर के साथ तस्वीर की कहानी

ओलंपिक 2024 उनका एक सपना था इंजरी के बाद उन्होंने रेसलिंग से दूरी बना ली है और वह कमाने और खाने में लगे हैं उन्होंने पिछली बार ओलंपिक के लिए ट्रायल दिया था लेकिन वह उसे ट्रायल में असफल रहे । अगर ऊपर वाले ने साथ दिया तो मैदान में एक बार अवश्य लौटूंगा।

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सफलता का मूल मंत्र

अंकित के अनुसार सफलता का मूल मंत्र यह है की सफलता को आप शार्ट तरीके से हासिल नहीं कर सकते और सफलता की अवधि छोटी नहीं हो सकती सफलता एक लांग टर्म किस्सा है और सफल होने के लिए दूसरा मंत्र यह है कि आप नशे से दूर रहें।

सोशल मीडिया परिवार के लिए अंकित भाई का संदेश

अंकित भाई एक ऐसे सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर हैं जिन्होंने यह साबित करके दिखा दिया की हालत कैसे भी हो कुछ करने वाला इंसान घुटने नहीं टेक सकता अंकित भाई ने किसी भी गलत प्रोडक्ट का प्रमोशन नहीं किया और उनका यह विचार है कि जो लोग हमें फॉलो करते हैं या हमें देखकर कुछ सीखते हैं तो मैं उन्हें गलत राह नहीं दिखा सकता आप नशे से दूर रहें ,अच्छा भोजन करें, व्यायाम करें ,कोई धार्मिक बुक पढ़े आप जिस भी धर्म से संबंध रखते हो।

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और इस के साथ अंकित के साथ पूरी दुनिया मे मेहनत का एक दौर शुरू हो गया है लोग हर चीज का चैलेंज लेने की कोशिश कर रहे है और लोग इसको पूरा भी कर रहे है फिर चाहे वो उनमे कितनी ही मेहनत ही क्यू न लग रही है ।

biopic story की तरफ से अंकित भाई को बहुत बहुत धन्यवाद क्युकी उनकी वजह से आज लोग कुछ मेहनत करने के लिए तैयार हुए है और आज हमारे समाज को अंकित भाई जैसे लोगों की और भी ज्यादा जरूरत है ।

धन्यवाद ! अंकित बैयानपुरिया जी

अंकित बैयनपुरिया कौन है

अंकित बैयनपुरिया एक सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर हैं जिनका मुख्य पेशा बॉडीबिल्डिंग है और वह इन दिनों सोशल मीडिया पर अपने 75 डे हार्ड चैलेंज के लिए काफी सुर्खियों में है 1 अक्टूबर 2023 को प्रधानमंत्री मोदी जी ने अंकित के साथ स्वच्छ भारत मिशन के तहत श्रमदान किया और अंकित के साथ इस वीडियो को इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया।

ankit baiyanpuria age

अंकित बैयनपुरिया का जन्म 31 अगस्त 1998 में सोनीपत जिले के एक छोटे से गांव बैयनपुर में हुआ था वर्तमान में उनकी उम्र 25 वर्ष है।

ankit baiyanpuria कहा के रहने वाले है

अंकित बैयनपुरिया सोनीपत जिले के एक छोटे से गांव बैयनपुर में हुआ था और वो वही के रहने वाले है ।

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