Gold Medalist Parul Chaudhary Biography in Hindi। Asian Games 2023

Gold Medalist Parul Chaudhary Biography in Hindi: भारतीय एथलीटों का एशियन गेम 2023 में दबदबा बरकरार है। सोमवार को 3000 मी महिलाओं की स्टीपलचेज में सिल्वर से ही संतोष करना पड़ा लेकिन  मगलवार ( 3 अक्टूबर ) को किसान की बेटी पारुल चौधरी ने 5000 मीटर की रेस में गोल्ड जीत कर भारत के नाम एक और गोल्ड किया।

पारुल स्पर्धा में भारत के लिए स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई है। पारुल ने 5000 मीटर दौड़ के फाइनल में पहला स्थान हासिल किया और एशियाई खेल 2023 में भारत के नाम 14वा स्वर्ण पदक किया। भारत ने चीन में हो रहे एशियाई खेल 2023 के 9वे दिन 10 मेडल हासिल किये। जिसमें दो गोल्ड मेडल शामिल है , पहला गोल्ड मेरठ के किसान की बेटी पारूल चौधरी ने 5000 मीटर की दौड़ में, दूसरा गोल्ड भारत की दूसरी बेटी अन्नुरानी ने जैवलिन थ्रो में दिलाया।

एशियाई खेलों 2023 में भारत की बेटियां कर रही है प्रतिनिधित्व। उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी ने मेरठ की बेटी पारूल चौधरी को गोल्ड के लिए बधाई दी है और वही भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने पारूल चौधरी को भारत का नाम रोशन करने के लिए बधाई दी है और उन्होंने पारूल चौधरी के उज्जवल भविष्य की भगवान से कामना की है।

Gold Medalist Parul Chaudhary Biography
Gold Medalist Parul Chaudhary Biography

दोस्तों आज हम लोग इस ब्लॉग में  उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के छोटे से गांव की रहने वाली पारूल चौधरी के बारे में विस्तार से जानने का प्रयास करेंगे कि उन्होंने इस मुकाम को हासिल करने के लिए क्या-क्या बलिदान दिए उनके बारे में ,परिवार, जन्म, धर्म ,जाति ,शिक्षा ,करियर की शुरुआत ,कोच इत्यादि।

Gold Medalist Parul Chaudhary के बारे मे

पारुल महिलाओं की 3000 मीटर की रेस में 9 मिनट से कम समय में रेस को पूरी करने वाली पहली भारतीय धावक हैं। पारुल का जन्म 15 अप्रैल 1995 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के इकलौता गांव में हुआ था। पारुल की वर्तमान उम्र 28 वर्ष है। उनका परिवार जाट समुदाय से तालुख रखती है। ,उनके पिता का नाम किशनलाल चौधरी है और उनकी माता का नाम राजेश देवी है । पारूल चौधरी के परिवार में चार भाई बहन हैं। पारुल के पिता एक किसान हैं और पारुल की माता गृहणी हैं।

Parul Chaudhary के परिवार के बारे में

पारुल उत्तर प्रदेश के मेरठ की रहने वाली हैं पारुल के पिता किशनलाल चौधरी जी मेरठ जिले के दौराला क्षेत्र के इकलौता गांव के किसान हैं। पारुल दो भाई दो बहन हैं पारुल की बड़ी बहन स्पोर्ट  कोटे से सीआईएसफ में दरोगा हैं जो दूसरे नंबर पर आती हैं। पारुल का सबसे बड़ा भाई राहुल टायर फैक्ट्री में मैनेजर है तीसरा नंबर पर पारूल चौधरी आती हैं और वह रेलवे में टीईटी के पद पर कार्यरत हैं।चौथे नंबर पर उनका छोटा भाई रोहित जो उत्तर प्रदेश पुलिस में राज्य की सेवा कर रहा है। 

पारूल चौधरी की शिक्षा

पारुल और उनकी बड़ी बहन प्रीति ने भराला गांव स्थित बीपी इंटर कॉलेज से कक्षा 10 व इंटर की पढ़ाई पुरी की इसके बाद पारुल मेरठ कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और वह पटियाला विश्वविद्यालय टॉपर रह चुकी हैं। साल 2011 में पारुल ने अपने स्कूल में 800 मीटर की दौड़ में भाग लिया इसके बाद वह 5000 मी तक जाने से पहले उन्होंने 1500 मीटर और 3000 मीटर में भाग लेना शुरू किया और उनसे मिली उन्हें उसे सफलता के कारण 2015 में पश्चिम रेलवे में नौकरी के पद पर जाने में मदद मिली और वह मुंबई चली गई वह वर्तमान में टीईटी के पद पर कार्यरत हैं। और वह एक भारतीय धावक हैं।

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कैसे हुई करियर की शुरुआत

पारुल चौधरी बताती हैं जब वह अपनी बड़ी बहन के साथ बीपी इंटर कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी तब उनकी बड़ी बहन प्रीति चौधरी प्रतियोगिताओं में भाग लिया करती थी उन्हीं को देखकर उत्साह बढ़ा और वह अपनी बहन के साथ दौड़ प्रतियोगिताओं में भाग देना शुरू कर दिया और दोनों ने ही 1600 और 3000 मीटर में दौड़ना शुरू किया। इसके बाद धीरे-धीरे वह 5000 मीटर की दौड़ में उतरने लगी और अपनी बड़ी बहन से मिली प्रेरणा से पारुल ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और इसके बाद उन्होंने हंगरी में आयोजित वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत के लिए पदक हासिल न कर सकी, लेकिन इसके बाद उन्होने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया।

विश्व एथलेटिक चैंपियनशिप

पारूल चौधरी ने हाल ही में हुए बुद्धा पेस्ट में विश्व एथलेटिक चैंपियनशिप की 3000 मी स्टेपलचेंज के फाइनल में भी कमाल किया था वह इस प्रतियोगिता में 11वे स्थान पर रही थी और ऐसा करके उन्होंने एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा था ।

विश्व एथलेटिक चैंपियनशिप में पारुल ने 9 मिनट 15.31 सेकेंड के समय में दौड़ पूरी की थी और ऐसा करके उन्होंने पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया था। ऐसा करके उन्होंने ललिता बाबर का रिकॉर्ड तोड़ दिया थारियो ओलंपिक 2016 में ललिता बाबर ने 9 मिनट 19.76 सेकंड में इस दौड़ को पूरा किया था।

Gold Medalist Parul Chaudhary

एशियाई खेल 2023 में पारूल चौधरी का रिकॉर्ड

पारूल चौधरी ने एशियाई खेल 2023 में महिलाओं की 5000 मीटर रेस में स्वर्ण पदक जीत लिया है उन्होंने इस प्रतियोगिता को 15 मिनट 14.75 सेकंड में पूरा किया है ऐसा करके उन्होंने एक विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया है।

प्रतियोगिता के दौरान हुए कुछ अंकीय बदलाव

पारूल चौधरी ने एशियाई खेल 2023 में सोमवार के दिन सिल्वर और मंगलवार के दिन खरा सोना जीता। अगर बात करें चांदी की तो यह चांदी पारुल ने 3000 मी महिलाओं की रेस में 9 मिनट 27.63 सेकंड में जीता था पारुल शुरुआत में गोल्ड की तरफ बढ़ती नजर आ रही थी लेकिन आखिरी समय में कुछ बदलाव होने के कारण उन्हें चांदी से ही समझौता करना पड़ा। लेकिन पारुल यहां रुकी नहीं उन्होंने मंगलवार को महिलाओं की 5000 मी की दौड़ में 15 मिनट 14.75 सेकंड में

भारत के नाम 14वा गोल्ड कर दिया

शुरुआती के 4000 मीटर की दौड़ में पारुल चौधरी पांचवें स्थान पर थी। लेकिन आखिरी 600 मी में वह तीसरे स्थान पर आ गई और उन्होंने अंतिम 200 मीटर में दूसरे स्थान पर पहुंच कर कमाल कर दिया लेकिन गजब का कमल तब हुआ जब पारुल ने आखिरी 30 मीटर में अपनी स्पीड को इतना बढ़ा दिया कि वह पहले स्थान पर आ गई और उन्होंने जापान की रिरिका (15:15.43) को दूसरे स्थान पर छोड़ दिया और वही कजाकिस्तान की चेपकोएच (15:23.12) को तीसरे स्थान पर छोड़ दिया और भारत के नाम 14 गोल्ड कर दिया।

athlete parul chaudhary कहा से है

पारुल उत्तर प्रदेश के मेरठ की रहने वाली हैं पारुल के पिता किशनलाल चौधरी जी मेरठ जिले के दौराला क्षेत्र के इकलौता गांव के किसान हैं।

parul chaudhary ने कौन सी रेस मे गोल्ड जीता

पारूल चौधरी ने एशियाई खेल 2023 में महिलाओं की 5000 मीटर रेस में स्वर्ण पदक जीत लिया है उन्होंने इस प्रतियोगिता को 15 मिनट 14.75 सेकंड में पूरा किया है ऐसा करके उन्होंने एक विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया है।

parul chaudhary ने भारत को कौन स गोल्ड मेडल जिताया है

पारूल चौधरी ने एशियाई खेल 2023 में महिलाओं की 5000 मीटर रेस में स्वर्ण पदक जीत लिया है और इसी के साथ उन्होंने भारत के लिए 14 वा गोल्ड मेडल दिलाने मे कामयाब हो सकी है ।

parul chaudhary age

पारुल का जन्म 15 अप्रैल 1995 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के इकलौता गांव में हुआ था। पारुल की वर्तमान उम्र 28 वर्ष है।

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