सफलता की परिभाषा हर किसी के लिए अलग-अलग हो सकती हैं , असफल व्यक्ति ही बता सकता है कि हमें गलती कहां पर नहीं करनी चाहिए और सफल व्यक्ति बता सकता है कि हमें क्या-क्या करना चाहिए |
भारत की सबसे बड़ी परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सर्विसेज की परीक्षा होती है इसके बाद आती है राज्य स्तर पर आयोजित पीसीएस की परीक्षा इन दोनों के परिणाम जारी होने पर चारों तरफ एक ही स्वर गूँजता है कि आखिर कौन रहा है |
इस साल का टॉपर यूपीएससी 2021 के परिणाम जारी होने के बाद बीते दिन बुधवार 19 अक्टूबर को देर रात को यूपीपीसीएस द्वारा आयोजित पीसीएस 2021 का अंतिम परिणाम जारी कर दिया गया परिणाम जारी होने के पश्चात चारों तरफ से एक ही स्वर गूंज रहा था |
कि आखिर कौन है यूपीपीसीएस 2021 का टॉपर और सामने नाम निकाल कर आया अतुल कुमार सिंह का जिन्होंने पहला स्थान हासिल कर दुनिया को दिखा दिया की कुछ भी असंभव नहीं है |
दोस्तों आज हम लोग अतुल कुमार सिंह के बारे में जानने का प्रयास करेंगे जिसमें उनके माता-पिता उनका जन्म स्थान ,उम्र ,धर्म उनका वैवाहिक जीवन शिक्षा के बारे में जानने का प्रयास करेंगे |

ABOUT ATUL KUMAR SINGH
अतुल कुमार सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के गोसाईपुर के रायगढ़ में हुआ है इनके पिताजी का नाम ओमप्रकाश सिंह है वह सांख्यिकी अधिकारी थे वर्तमान में व सेवानिवृत्त है इनकी माताजी जो एक ग्रहणी थी जिनका covid के दौरान देहांत हो गया था इनके चाचा जी का नाम जय प्रकाश सिंह है |
अतुल के जीवन में इनके चाचा जी की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका इनके एक बड़े भाई भी हैं जिनका दवा का व्यापार है अतुल जी का शादी पिंकी सिंह के साथ हुआ है जो सुल्तानपुर की रहने वाली हैं अतुल को पिंकी से 2 बच्चे भी हैं जिसमें एक लड़का और एक लड़की शामिल है |
नाम – अतुल कुमार सिंह |
पद – S. D. M. ( डिप्टी कलेक्टर ) |
पिता का नाम – ओम प्रकाश सिंह |
माता का नाम – NA ( देहांत हो गया ) |
चाचा का नाम – जय प्रकाश सिंह |
पत्नी का नाम – पिंकी सिंह |
उम्र – लगभग 35 वर्ष |
जाति – ठाकुर / क्षत्रिय |
धर्म – हिन्दू |
जन्म-स्थान – प्रतापगढ़ |
राष्ट्रीयता – भारतीय |
बच्चे – 1 लड़का , 1 लड़की |
अतुल का प्रशासनिक अधिकारी बनने का सफर
प्रशासनिक अधिकारी मात्र सोच लेने से ही कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं बन पाता अतुल बताते हैं कि बीटेक पूरा होने के बाद उनका एक मल्टीनेशनल कंपनी में 10 लाख रुपए वार्षिक पर चयन हो गया था वह बताते हैं कि सब लोग बहुत खुश थे |
नौकरी लग गई अच्छा पैसा है लेकिन मुझे या काम पसंद नहीं आ रहा था हालांकि पैसा अच्छा था सब खुश थे लेकिन कहीं ना कहीं मैं प्रशासनिक अधिकारी बनना चाह रहा था लेकिन नौकरी के साथ-साथ तैयारी करना कुछ हद तक संभव नहीं हो पाता क्योंकि मैं एक सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखता हूं तो नौकरी छोड़ना तो आसान भी नहीं था |
इसी बीच मेरी शादी हो गई परिवार की जिम्मेदारी और बढ़ गई और भागदौड़ में कब 5 साल निकल गए पता ही नहीं चला 1 दिन अतुल ने अपनी पत्नी से अपनी इच्छा बताई तो पत्नी ने कहा कि नौकरी छोड़कर सपना पूरा करो इसके बाद उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दिया और 2015 में यूपीएससी के सफर में उतर गए |
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UPSC से UPPCS का सफर ?
अतुल बताते हैं कि 2015 में नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी में लग गए किसी ने सही ही कहा है “कि ये यूपीएससी है जनाब जल्दी निकलता नहीं” यही कहानी रही अतुल जी के साथ वह बताते हैं कि 2 प्रयास किए लेकिन अंतिम पड़ाव पार ना कर पाए उनके पिताजी बताते हैं कि 1 या आधे नंबर से चूक गए नहीं तो अतुल का IFS में हो जाता |
अतुल की उम्र ज्यादा हो रही थी तो अतुल ने यूपीपीसीएस की तरफ रुख किया लेकिन और बिना हार माने लगे रहे साल 2019 में अतुल का सिलेक्शन खंड विकास अधिकारी (B. D. O. ) के पद पर हो गया ज्वाइन करने के बाद बिना वेतन के छह महा अवकाश लेकर फिर से यूपीपीसीएस की तैयारी में जुट गए इस बार अतुल का चयन सहायक वन अधिकारी के पद पर हो गया |
अतुल वर्तमान में वह कोयंबतूर में ACF की ट्रेनिंग कर रहे हैं, ट्रेनिंग के दौरान 2019 का पेपर फिर से दिया और सोच कि लास्ट अटेंम्ड होगा फिर एक बार मेहनत करके बैठे एग्जाम में तो पायदान के पहले स्थान पर आकर रुके अब व डिप्टी कलेक्टर है |
परिवार का सहयोग ?
जब अतुल ने जॉब छोड़ कर यूपीएससी की तैयारी करना चाह रहे हैं तब उनके पिता ने बिना कुछ सवाल किये अतुल से कहा कि तुम्हारा जो दिल करे वह करो मैं तुम्हारे साथ हूं |
अतुल बताते हैं कि जिस समय मां की तबीयत खराब हुई थी उस समय मां को अस्थमा की बीमारी थी मां को COVID का फर्स्ट डोज दिया गया था मुझे लगता था कि मां को COVID से कुछ नहीं होगा इसी दौरान मेरे ससुर जी को कैंसर हो गया और मैं उनके साथ दिल्ली में रहने लगा |
दो महीने बाद पीसीएस प्री का एग्जाम था और इसी बीच माँ की ज्यादा तबीयत खराब हुई और ऑक्सीजन लेवल 40 से नीचे आ गया कहीं भी भर्ती नहीं हो पा रही थी इसी भाग दौड़ में माँ ने अंतिम सांस ली जिस समय मे माँ ने अंतिम सांस ली उस समय मैं उनके पास नहीं मौजूद नहीं था |
मैं टूट गया था, मेरा सब कुछ बिखर गया था ,मैं अब कुछ नहीं बनना चाह रहा था ,इसी बीच एग्जाम 2 महीने आगे शिफ्ट हो गए थे पत्नी ने संभाला और मैंने एग्जाम दिया |
जब सफर में मैं भटका या अपने आप को अकेला महसूस किया हू तब तब मेरी पत्नी ने मेरा पूरा साथ दिया और इस कामयाबी में उनका अहम योगदान है | क्योंकि एक लाइफ पार्टनर ही एक दूसरे को अच्छे तरीके से समझ सकता है |
अतुल जी की शिक्षा ?
अतुल जी ने हाई स्कूल, इंटरमीडिएट की पढ़ाई प्रयागराज के गवर्नमेंट इंटर कॉलेज से पूरी की उनके पिता ने बताया कि अतुल बचपन से ही पढ़ने में अच्छे थे वह हमेशा से ही मेधावी छात्र रहे हैं और इसी के चलते अतुल का चयन आईआईटी खड़कपुर मैं हो गया था |
आईआईटी खड़कपुर में 2009 में बी टेक बायोटेक्नोलॉजी से करने के बाद उन्होंने भारत सरकार ने अमेरिका में रिसर्च के लिए भेजा था इसके बाद बेंगलुरु की अमेरिकन कंपनी में चयन हो गया अतुल के पिता बताते हैं कि उनका वहां पर मन नहीं लगा फिर पिता के कहने पर उन्होंने अपनी वह जॉब छोड़ दी |
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UP PCS 2021 के टॉप 10 RANKER ?
रैंक | रोल नंबर | नाम |
1 | 539757 | अतुल कुमार सिंह ( प्रतापगढ़ ) |
2 | 362989 | सौम्य मिश्रा ( उन्नाव ) |
3 | 278015 | अमन दीप ( प्रतापगढ़ ) |
4 | 289464 | निशांत उपाध्याय ( जौनपुर ) |
5 | 395058 | चंद्रकान्त बगोरिया ( रुद्रपुर उत्तराखंड ) |
6 | 553205 | प्रवीण कुमार द्विवेदी ( फतेहपुर ) |
7 | 092050 | शशि शेखर ( नई दिल्ली ) |
8 | 511593 | विवेक कुमार सिंह ( प्रयागराज ) |
9 | 505595 | अमित सिंह ( लखीमपुर खीरी ) |
10 | 365822 | मल्लिका जैन ( देहरादून ) |
तो दोस्तों ये थी ATUL KUMAR SINGH की विस्तार मे जानकारी अगर इसके अलावा कुछ हमे उनके बारे मे पता चलता है तो समय समय पर हम अपने ब्लॉग के माध्यम से अपडेट कर दिया जाएगा |
धन्यवाद !
लेखक – आदित्य पटेल