यूं तो हर साल संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सर्विस की परीक्षा में लाखों युवा बैठते हैं | क्योंकि यह भारत की सबसे कठिन परीक्षा है | इस परीक्षा को पास करने का सपना कहीं ना कहीं हर विद्यार्थी देखता है लेकिन केवल सपने देखने मात्र से यह सपने पूरे नहीं होते इस परीक्षा के अंतिम पड़ाव को पार करके लगभग (900 -1000) छात्र ही पहुंच पाते हैं जो आगे जाकर भारतीय प्रशासनिक सेवा में काम करने का सुनहरा मौका पाते हैं |
उनमें से भी हर छात्र को प्रसिद्धि नहीं मिलती टॉपर को छोड़कर कुछ ही लोग होते हैं जिनके बारे में लोग जानने के लिए इतना उत्सुक होते हैं संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सर्विसेज 2021 का परिणाम आने के बाद चारों तरफ एक ही स्वर गूंज रहा था | लोग टॉपर्स के बारे में जानना चाह रहे थे टॉपर्स को छोड़कर सिर्फ दो लोग ऐसे थे जिनके बारे में लोग टॉपर से भी ज्यादा जानने के लिए उत्सुक थे |
About UPSC Topper
पहले शख्स रवि कुमार सिहाग (AIR 18) जिन्हें प्रॉपर IAS मिला | इनकी प्रसिद्धि टॉपर से भी कई गुना ज्यादा है और होनी भी चाहिए क्योंकि रवि कुमार सिहाग हिन्दी माध्यम से थे और उनका व्यक्तित्व ही कुछ इस प्रकार का है जिसके आस पास भी कोई नहीं आ सकता |
लेकिन बहुत कम बार ऐसा हुआ है जब 400 से भी ज्यादा रैंक मिलने पर भी आपको टापर के बराबर प्रसिद्धि मिले तो आपने कुछ special ही किया हुआ होगा | 2021 के परिणाम जारी होने के बाद एक नाम बहुत चर्चा में रहा वह नाम है दिव्या तंवर ( AIR 438 ) जितना लोग श्रुति शर्मा(AIR 1) के बारे में जानना चाहते थे |
कहीं उससे ज्यादा दिव्या तंवर के बारे में लोगों को जानने के लिए उत्सुकता थी | जिन्होंने इस रैंक को पहले प्रयास में बिना कोचिंग के सीमित साधनों से पढ़कर हासिल की है आज इनकी कहानी लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है |
जो लोग सीमित साधनों का रोना रोते हैं यह कहानी उन लोगों के मुंह पर तमाचा है जो लोग कहते हैं कि यार मेरी किस्मत ही खराब है |
तो दोस्तों आज हम लोग इस लेख में दिव्या तंवर के बारे में उनकी आयु , परिवार , शिक्षा , रैंक , मार्कशीट , टाइम टेबल , वैकल्पिक विषय , सोशल मीडिया , प्रेरणा , आर्थिक स्थिति से संबंधित सभी जानकारियों को देखेंगे |
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IPS Divya Tanwar ( दिव्या तंवर के बारे मे ) ?
दिव्या ने UPSC सिविल सर्विसेस की परीक्षा 2021 में 438 रैंक हासिल की | यह सफलता उन्होंने अपने दम पर बिना किसी कोचिंग के सहारे पहले ही प्रयास में हासिल किया है |
NAME – DIVYA |
FULL NAME – DIVYA TANWAR |
DOB – 1997 |
BIRTH PLACE – NIBBI MAHNEDRAGRH ( HARIYANA ) |
AGE – 25 YEAR |
CASTE – RAJPUT |
COMMUNITY – E.W.S. |
RELISION – HINDU |
PROFESSION – IPS |
EDUCATION – Graduation |
SCHOOL – JAWAHAR NAVODAY VIDYALAY |
COLLEGE – GOVT. P.G. COLLEGE MAHENDRAGRAH |
Citizenship – INDIAN |
Language – HINDI , ENGLISH |
Zodiac ( राशि ) – Pisces (मीन ) |
PRESENT ADREESS – MAHENDRAGRAH |
MARITAL STATUS – UN MARRIED |
HOBBY – GHOOMAR DANCE AND SINGING |
RANK – 438 |
TOTAL MAKS – 930 |
Prelims – PAPER 1ST – 81.68 |
– PAPER 2ND – 68.92 |
ROLL NUMBER – 0854715 |
OPTIONAL SUBJECT – HINDI Literature |
MEDIUM – HINDI |
दिव्या तंवर महेंद्रगढ़ हरियाणा की रहने वाली उन्होंने प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद नवोदय विद्यालय में प्रवेश लिया और वहां से वह 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की उसके बाद गवर्नमेंट पीजी कॉलेज से स्नातक किया |
दिव्या तंवर का जन्म ,परिवार, धर्म ?
दिव्या का जन्म राजपूत परिवार में 1997 में हरियाणा राज्य के महेंद्रगढ़ जिले के निंबी गांव में हुआ था दिव्या का परिवार आर्थिक रूप से बहुत कमजोर था और वह किसान समुदाय से ताल्लुक रखती थी |
दिव्या की माताजी बताती हैं कि जब दिव्या लगभग 15 साल की थी तब उनके पिता का 2011 में देहांत हो गया था उनके परिवार का वह केवल मात्र सहारा थे पिता की मृत्यु के बाद मां के कंधों पर घर की जिम्मेदारियों का बोझ आ पड़ा घर में दिव्या के अलावा एक भाई और एक बड़ी बहन है |
उनकी मां के कंधों पर 4 लोगों के पेट पालने की जिम्मेदारी थी दिव्या बताती हैं कि उनकी मां पढ़ी-लिखी नहीं है तो उन्होंने दूसरों के खेतों में काम किया और घर-घर जाकर के झाड़ू पोछा किया ताकि मेरी बेटियों को पढ़ने के लिए कोई तकलीफ ना हो दिव्या बताती हैं कि वह अपनी मां का आर्थिक रूप से हाथ बटाने में सहायता करती थी इसके लिए उन्होंने ट्यूशन व स्कूल में पढ़ाने जाती थी |
किसी ने सही कहा है कि अगर मां पढ़ी-लिखी नहीं है तब भी वह दुनिया की हर शिक्षक के आगे होती है |
यह बात दिव्या की मां ने साबित कर दिया | उन्होंने अपने बच्चों को खूब पढ़ाया और कभी भी काम करने को नहीं कहा
दिव्या तंवर की शिक्षा
दिव्या तंवर ने अपने प्राथमिक शिक्षा अपने गांव के स्कूल से पूरी की दिव्या पढ़ने में अच्छी थी वह नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा देकर जवाहर नवोदय विद्यालय में प्रवेश ले लिया |
इससे दिव्या के परिवार को आर्थिक सहायता प्राप्त हो गई | दिव्या ने 92 % अंकों के साथ 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली उसके बाद गवर्नमेंट पीजी कॉलेज से BSC करने लगी |
UPSC का सपना कैसे शुरू हुआ ?
दिव्या के मन में upsc नामक बीज नवोदय विद्यालय में हुए कार्यक्रम में आए अतिथि एसडीएम महोदय के सम्मान को देखकर उपजा |
दिव्या जी बताती हैं कि उनका मान सम्मान देकर मुझे समझ आ गया था कि मुझे यूपीएससी ही करना है |
कहते हैं कि जैसा बीज बोया जाएगा आगे जाकर के वैसा ही फल मिलता है लेकिन अगर उसमें लगातार पानी नहीं डाला गया तो पेड़ सूख जाएंगे दिव्या के मन में उपजे यूपीएससी नामक पेड़ को लगातार पानी डालकर उसे विशाल वृक्ष बनाने का काम दिव्या के हालात करते रहे |
उन्होंने अपने इंटरव्यू में बताया कि जब भी उनका मनोबल कमजोर होता तब- तब उन्होंने अपनी मां को याद किया और फिर उनका मनोबल मे कभी कमी आई |
कोचिंग और टाइम टेबल ?
दिव्या बताती है की bsc की परीक्षा पास करने के लगभग डेढ़ साल बाद वो upsc के मैदान मे उतरी थी क्योंकि दिव्या जब नोवोदय मे पढ़ाई कर रही थी उसी दौरान उनके पिता का निधन हो गया था
और उनका परिवार आर्थिक मंदी से जूझ रहा था | माँ के कंधों पर ज्यादा जिम्मेदारी न आए इसके लिए वो अपने गाव के स्कूल मे पार्ट टाइम और घर पर ट्यूशन पढ़ाती थी पैसों के अभाव के चलते कोचिंग का सहारा नहीं लिया वह बताती हैं किस self-study के दम पर उन्होंने इस लक्ष्य को प्राप्त किया शुरुआत में 4 से 5 घंटे पढ़ती थी उसके बाद जैसे जैसे एग्जाम पास आते गए वैसे वैसे पढ़ने के समय को उन्होंने बढ़ाना सुरू कर दिया था तब वो लगभग 10 घंटे रोज पढ़ने का एवरेज टाइम मे पढ़ने लगी थी |
वह बताती प्री एग्जाम का मैटेरियल ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त करके सभी टॉपर्स के द्वारा बताए गए एनसीआरटी बुक्स को पढ़ा और प्री क्वालीफाई हो गया इसके बाद वह दृष्टि का मेंटोरशिप प्रोग्राम ज्वाइन कर लिया और उनके टेस्ट से बहुत हेल्प मिली |
वह यह भी बताती है कि एग्जाम की तैयारी उन्होंने घर से ही की थी प्री होने के बाद 2 महीने के लिए दिल्ली गई और दृष्टि की लैब जॉइन की और टेस्ट सीरीज सॉल्व कि उसके बाद मुख्य परीक्षा देने के बाद वह मौखिक परीक्षा के लिए कई mock इंटरव्यू देये और अंतिम पड़ाव पार कर 2021 के परिणाम मे 438 रैंक हासिल की और दुनिया को यह बता दिया कि उड़ान पंखों से नहीं हौसलों से होती है दिव्या ने इस सफलता का श्रेय अपनी मां को दिया |
USE OF SOCIAL MEDIA
उन्होंने बताया इस फोन की वजह से मैं आज आईपीएस बन पाई हु इसका हमने अपने कामों में इस्तेमाल किया गूगल और यूट्यूब की सहायता से अपनी पढ़ाई की और अपनी यूट्यूब को ऐसे सेट कर रखा था कि कोई भी नोटिफिकेशन उन्हे परेशान ना करें जब भी वह फोन खोलें तब सिर्फ पढ़ाई से रिलेटेड चीजें उनके सामने आए |
After becoming IPS
दिव्या ने बताया कि जिस हालात से हम गुजरे हैं उस हालात से किसी को गुजारना ना पड़े हम यह प्रयास करेंगे |
FAQ ( People Also Ask )
Q.1 Who is Divya Tanwar ( दिव्या तंवर कौन है ) ?
Ans. दिव्या तंवर महेंद्रगढ़ हरियाणा की रहने वाली है | जिन्होंने UPSC सिविल सर्विसेस की परीक्षा 2021 में 438 रैंक हासिल की है और IPS बन कर देश सेवा मे कार्यरत है |
Q.2 दिव्या तंवर की रैंक क्या थी ?
Ans. दिव्या तंवर ने E.W.S. की कटेगरी से AIR 438 रैंक हासिल की है जिसके बाद उन्हे IPS बनने का सुनहरा मौका मिल पाया |
Q.3 Is Divya tanwar an IAS? ( क्या दिव्या एक IAS है ?)
Ans. नहीं क्योंकि दिव्या तंवर की AIR 438 रैंक आई थी जिसके बाद उन्हे IAS नहीं मिल पाया वो मौजूदा समय मे एक IPS रैंक के पद पर कार्यरत है |
Q.4 What was the optional subject of Divya tanwar? ( दिव्या तंवर का वैकल्पिक विषय क्या था ? )
Ans. दिव्या तंवर का वैकल्पिक विषय हिन्दी साहित्य था | और उन्होंने 2021 मे हिन्दी माध्यम से UPSC परीक्षा को पास किया है जिसमे उनको 438 वी रैंक हासिल हुई है |
Q.5 What is the age of Divya IPS? ( IPS दिव्या तंवर की आयु क्या है) ?
Ans. दिव्या तंवर का जन्म 1997 को हुआ था तो इस हिसाब से 2022 मे उनकी उम्र 25 वर्ष है |
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