Sonam Wangchuck: 3 इडियट्स के महानायक आखिर क्यों बैठे है धरने पर ?

Sonam Wangchuck: दोस्तों बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर लद्दाख के एक अभियंता नवाचारी और शिक्षा सुधारक Sonam Wangchuck के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। वह वर्तमान सरकार से लद्दाख को बचाने के लिए मांग कर रहे हैं, जिसके चलते वह वर्तमान में सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं ।

दोस्तों हम सभी ने आमिर खान की मूवी 3 इडियट्स को कभी न कभी अवश्य ही देखा होगा आप चाहे किसी भी एज ग्रुप के क्यों ना हो आमिर ने जिन फुंगुसुकवांगडू का किरदार निभाया था वह किरदार इन्हीं के जीवन पर आधारित है।

Sonam Wangchuck
Sonam Wangchuck

उनका वास्तविक नाम सोनम वांगचुक है और वह एक इंजीनियर और शिक्षा सुधारक है लद्दाख के हित में किए जाने वाले कार्यो के लिए उन्हें न जाने कितने अवार्ड मिले उन्हें लद्दाख के नवाचार के लिए जाना जाता है उन्हे हाल ही में साल 2018 में रमन मैसेज अवार्ड से सम्मानित किया गया था ।

आज जब सोनम वांगचुक लद्दाख के हित के लिए आवाज उठा रहे हैं तो हमारी वर्तमान सरकार उनकी तरफ एक बार मुड़ कर भी नहीं देख रही हैं हमारी वर्तमान सरकार ने लद्दाख से जो वादा किया उस वादे से सरकार मुकर रही हैं सोनम वांगचुक के साथ-साथ न जाने कितने लोग लद्दाख के घर से बेघर हो जाएंगे अगर सरकार ने लद्दाख के हित में कदम न उठाया तो अंजाम बुरा होगा जिसका हरजाना संपूर्ण राष्ट्र को चुकाना पड़ेगा।

आज हम लोग इस ब्लॉक में सोनम वांगचुक के बारे में विस्तार से जानने का प्रयास करेंगे जिसमें मुख्यतः उनके बारे में घर, परिवार, जन्म स्थान, शिक्षा, लद्दाख के हित में किए जाने वाले कार्य और उनके जीवन में आने वाली कठिनाइयों के बारे में विस्तार से जानने का प्रयास करेंगे उनके द्वारा बनाई गई मुहीमो को भी हम इस ब्लॉग में जानेंगे।

Sonam Wangchuck

नमस्कार साथियों आप सभी का स्वागत है बायोपिक स्टोरी पर ऐसी ही प्रेरणात्मक कहानियों के लिए आप हमारे पेज से जुड़ सकते हैं आपको यह कहानी कैसी लगी इसके बारे में अपनी राय कमेंट बॉक्स में अवश्य दें ताकि भविष्य में हम उन कमियों पर ध्यान दे सके, आपका तहे दिल से आभार।

कौन है Sonam Wangchuck उर्फ फुंगुसुक वांगडू

सोनम वांगचुक का जन्म 1 सितम्बर 1966 में उत्तर हिमालय के लेह में हुआ था। उनके गांव का नाम अचली के पास स्थित उलेपोकपो है। इस गांव में उनके माता-पिता रहा करते थे दुनिया जिन सोनम वांगचुक को जानती है उन्होंने लगभग नव वर्ष की उम्र तक कभी स्कूल का दरवाजा नहीं देखा।

उन्होंने कोई ऑफिशियल शिक्षा प्राप्त नहीं की, जिसका मुख्य कारण उनके गांव में कोई स्कूल न होने का था वह बताते हैं काफी परेशानियों के बाद उन्हें जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में स्थित एक स्कूल में प्रवेश मिलता है क्योंकि लद्दाख और जम्मू कश्मीर की भाषा में अंतर है जिसके चलते सोनम को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा जैसा की 3 ईडियट्स फिल्म में दिखाया गया है कि आमिर खान पढ़ाई करने के लिए अपने मालिक के बेटे के स्कूल के सभी काम करते थे क्योंकि उन्हें शिक्षा चाहिए थी , उन्होंने कभी भी पढ़ाई के आगे समस्याओं को आने नहीं दिया। जिसका परिणाम आज उनके सामने है।

परिवार

सोनम वांगचुक ने दशो फब डब्लू दोरजी से शादी की। और अपना परिवार बनाया ।

उच्च स्तरीय शिक्षा

लगभग नव वर्ष की उम्र में उन्होंने सबसे पहले विद्यालय में प्रवेश लिया जिसके चलते उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने अधिक उम्र में भी उन चीजों को सीखा जो चीज बच्चे कम उम्र में सीखते हैं और उन्होंने कम समय में अधिक चीज सीख कर अपनी पढ़ाई को पूरा किया 12वीं का शिक्षा प्राप्त करने के बाद सोनम ने श्रीनगर के NIT से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की, जैसा की फिल्म में दिखाया गया है उन्होंने केवल डिग्री नहीं बल्कि इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की ।

वह जीवन में सिर्फ एक इंजीनियर ही नहीं बल्कि एक अच्छे समाज सुधारक भी बनना चाहते थे और उन्होंने वही किया डिग्री प्राप्त करने के बाद वह अपने मूल निवास लद्दाख वापस आ गए और वह एक नवाचार इंजीनियर के साथ-साथ शिक्षा सुधारक के रूप में भी कार्य करने लगे और उन्होंने एक प्रयोग आधारित स्कूल की नीव रखी इसका मुख्य उद्देश्य लद्दाख की शिक्षा प्रणाली को ऊपर ले जाना था।

सोनम के द्वारा किए गए नेतृत्व/कार्य

सोनम वांगचुक ने सबसे पहले 1993 से 2005 तक लद्दाख की एकमात्र पत्रिका का संपादक किया जिसका नाम लगेज में लोग था जिसकी स्थापना इनके द्वारा की गई थी उनके अच्छे नॉलेज की वजह से सरकार द्वारा इन्हें कई सरकारी एजेंसियों में सलाहकार के रूप में भी रखा ।

जिसके चलते उन्हें विजन डॉक्यूमेंट लद्दाख 2025 के हिस्से के रूप में शिक्षा और पर्यटन पर नीति तैयार करने का काम भी सोपा गया भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के द्वारा प्राथमिक शिक्षा के लिए नेशनल गवर्निंग काउंसिल में एक सदस्य के रूप में भी चुना गया इसके अलावा वह कई निजी कंपनियों के सलाहकार हैं उनके द्वारा उठाया गया हर कदम लद्दाख की भलाई के लिए होता है।

सोनम वांगचुक को मिलने वाले पुरस्कार

किसी भी व्यक्ति विशेष को सम्मान तब दिया जाता है जब वह सम्मान के लायक हो अगर कोई व्यक्ति किसी विशेष पार्टी से जुडा नहीं है तो उसे सम्मान उसकी योग्यता और उसके द्वारा किए गए कार्यों पर दिया जाता है अगर आपको सम्मान आपके देश से बाहर आपको उन यूनाइटेड नेशन जैसी बड़ी-बड़ी संस्थाओं के द्वारा दिया जाए तो वह आपको पुरस्कार आपके द्वारा किए जाने वाले समाज के हित के लिए दिया जाता है।

उनके द्वारा लद्दाख की भलाई के लिए उठाए गए कई मुहीमो के लिए और लद्दाख को जीवित रखने के लिए कई पुरस्कार दिए गए जिसमें मुख्य रूप से ग्लोबल अवॉर्ड फॉर सस्टेनेबल ,आर्किटेक्चर के लिए 2017 में, रोलेक्स अवॉर्ड फॉर एंटरप्राइज 2016, रियल हीरोज अवार्ड 2008 , अशोक फैलोशिप फॉर सोशल एंटरप्रेन्योरशिप 2002 और उन्हें हाल ही में रमन मैसेज अवार्ड 2018 से सम्मानित किया गया।

उनकी प्रसिद्धि का मुख्य कारण क्या था

सोनम वांगचुक को शिक्षा में क्रांति लाने के लिए जाना जाता है उन्होंने लद्दाख की रूपरेखा बदल दी सोनम ने ग्रामीण के सहयोग से 1994 में ऑपरेशन न्यू होप की शुरुआत की जिसका श्रेय भी सोनम को जाता है सोनम ने एक तकनीक का आविष्कार किया जिसमें मुख्य रूप से ही कृत्रिम हिमनादो का निर्माण किया जिन्हें ग्लेशियर कहा जाता है इस तकनीक को बर्फ स्तूप के नाम से जाना गया इस तकनीक में संघ को आकर के बर्फ के घेरे को सर्दियों के पानी के लिए संचय करके उन्हें इस्तेमाल में लाया जाता है।

सोनम वांगचुक की राजनीतिक पार्टी

वह न्यू लद्दाख मूवमेंट पार्टी से जुड़े हुए हैं जो मुख्यतः लद्दाख की एक राजनीतिक पार्टी है यह एक लोकल पार्टी है सोनम ने अपनी शिक्षा प्राप्त करने के बाद अपना पूरा समय लद्दाख को दिया वह बताते हैं कि उन्होंने जो दिक्कतें देखी हैं वह लद्दाख के लोग आगे ना देखें जिसके चलते वर्तमान सरकार से अपनी मांगे करते रहते हैं और लद्दाख के उज्जवल भविष्य के लिए आगे भी करते रहेंगे।

शिक्षा के क्षेत्र में लद्दाख के लिए नवाचार

सोनम ने 1988 में छात्रों के एक समूह के द्वारा स्टूडेंट एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ़ लदाख की स्थापना की जिसके वह संस्थापक व निर्देशक  हैं वह बताते हैं कि उन्हें इस स्कूल की स्थापना इसलिए करनी पड़ी की लद्दाख पर एक ऐसी विदेशी शिक्षा प्रणाली को थोपा गया है जिसे वह नहीं चाहते हैं वह कहते कि हम प्रयोग आधारित शिक्षा से सीखे और अपनी लोकल भाषा का प्रयोग करें जिसके चलते उन्होंने अपनी इस स्कूल में पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर आधारित उपकरण तैयार किए थे ।

उनके इस स्कूल के पूरे परिसर में खाना पकाने से लेकर प्रकाश के लिए भी सौर ऊर्जा का प्रयोग होता है उनके स्कूल में कभी भी जीवाश्म ईंधन का उपयोग नहीं होता है जैसा कि आपको फिल्म के अंत में दिखाया गया है कि आमिर खान ने एक ऐसे स्कूल की नीव रखते है जो प्रयोग आधारित था सौर ऊर्जा पर आधारित इस स्कूल से न जाने कितने छात्रों का भविष्य उज्जवल हुआ है।

सुर्खियों में आने का मुख्य कारण

सोनम लद्दाख के मशहूर क्लाइमेट एक्टिविस्ट हैं जिन्होंने 6 मार्च 2024 को सब लद्दाख के अभियान के साथ 21 दिनों की भूख हड़ताल पर बैठे उनकी इस मुहिम को देखकर हजारों लोग जुड़े धीरे-धीरे संख्या कई हजार हो गई जिसमें पुरुष महिलाएं व बच्चे भी शामिल थे।

लगभग ढाई सौ महिलाएं भी रात में अनशन पर बैठी रहती थी ,सोनम वांगचुक का भूख हड़ताल पर बैठने का मुख्य उद्देश्य लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग थी भारतीय संविधान की छठी अनुसूची में किसी प्रदेश के स्थानीय लोगों को आदिवासी इलाके में एडमिनिस्ट्रेशन का अधिकार देना होता है।

उन्होंने इस मुहिम को ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तौर पर दोनों तरीके से जारी रखा उन्होंने वर्तमान सरकार से आग्रह किया की लद्दाख को सुरक्षित करने की जिम्मेदारी सरकार की है हमें भी वह अधिकार मिले जो हमारे भारतीय संविधान में आदिवासियों को मिलनी चाहिए लद्दाख के पर्यावरण को बचाने के लिए और लद्दाख में कोई भी प्राइवेट कंपनी व्यापार ना कर सके इसके लिए वह अनशन पर बैठे हैं ।

उन्होंने केवल नमक और पानी के सहारे इस अनशन को 21 दिनों के लिए जारी रखा सोशल मीडिया की जानकारी के अनुसार 21 दिन पूरे होने के बाद उन्होंने एक बच्चे के हाथों जूस पीकर अनशन समाप्त किया उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो के माध्यम से जानकारी दी है की इन 21 दिनों में भारत की वर्तमान सरकार ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं की है।

उन्होंने कहा है 21 दिनों का अनशन पूरा होने के बाद भी अगर सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया है तब भी हम रुकेंगे नहीं लद्दाख और हिमालय की सुरक्षा करना हम सभी भारतवासियों की जिम्मेदारी है सोनम वांगचुंग के द्वारा बनाए गए वीडियो से भारत के बड़े-बड़े शहरों में भी अब सब लद्दाख के नारे लग रहे हैं लेकिन फिर भी सरकार इन पर ध्यान नहीं दे रही है वर्तमान सरकार ने जब धारा 370 हटाया था तब लद्दाख से कुछ वादा किए थे आज सरकार उन वादों से मुकर रही है।

किन-किन लोगों का रहा समर्थन

शुरुआती दिनों में तो सिर्फ लद्दाख के स्थानीय निवासियों का सोनम वांगचुक को समर्थन मिला उन्होंने प्रतिदिन यूट्यूब पर लॉन्ग वीडियो अपलोड किया इसी के साथ-साथ उन्होंने इंस्टाग्राम और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी एक पर भी वीडियो शेयर करते हुए लोगों को अपनी समस्या बताइए लोगों ने सोशल मीडिया पर सोनम वांगचुक का समर्थन किया।

इसी के बीच लगभग 10 दिनों के बाद साउथ के अभिनेता प्रकाश राज जी स्वयं लद्दाख जाकर सोनम वांगचुक का समर्थन किया और उन्होंने वर्तमान सरकार का बहिष्कार किया आज उनके द्वारा बनाई गई इस मुहिम में लाखों लोग जुड़ रहे हैं पूरा लद्दाख ही नहीं वरन पूरा भारत जोड़ रहा है भारत के सभी शहरों में आज लोग सब लद्दाख के नारे लगा रहे हैं सोशल मीडिया पर से लद्दाख का एक सॉन्ग खूब वायरल हो रहा है लोग सोशल मीडिया पर से लद्दाख के स्टेटस लगा रहे हैं लेकिन हमारे वर्तमान सरकार अब तक नहीं जागी है।

वर्तमान सरकार की प्रतिक्रिया

भूख हड़ताल समाप्त करने से पहले सोनम ने सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो जारी करते हुए लद्दाख से जुड़े सभी मामलों पर वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी से समाधान करने का आग्रह किया है उन्होंने यह भी बताया कि उनकी भूख हड़ताल को आज 21वां दिन है लेकिन अभी भी केंद्र सरकार की ओर से लद्दाख के समर्थन में या लद्दाख के विरोध में कोई भी जवाब नहीं आया है।

क्या हमारी सरकार को दिख नहीं रहा हमारी सरकार क्या डिटेक्टरशिप की तरफ जा रही है। क्या हमारे भारतीय संविधान के चौथे स्तंभ को यह नहीं दिख रहा। भारतीय संविधान का चौथा स्तंभ जिसे माना जाता था मीडिया क्या वास्तव में वह भारतीय संविधान का चौथा स्तंभ कहलाने के लायक है। आप अपनी राय कमेंट में जरूर दें।

अनशन के बारे में

सोनम वांगचुक ने 21 दोनों का अनशन किया 21वें दिन उन्होंने एक बच्चे के हाथों से जूस पीकर अनशन को समाप्त किया उन्होंने अपने 21वे दिन के वीडियो में यह बताया कि उनका यह अनशन समाप्त नहीं होगा इसके बाद इस अनशन का नेतृत्व महिलाएं करेंगे और महिलाओं ने 10 दिन की भूख हड़ताल की और उन्होंने बताया कि उनके बाद लद्दाख के भिक्छु लोग अनशन पर बैठेंगे।

उन्होंने अपने इसी वीडियो में यह भी जिक्र किया कि उनसे भारत की कई शहरों से लोग जुड़ रहे हैं लद्दाख की आबादी लगभग 3 लाख है जिसमें से लगभग 70000 लोग उनके यहां चल कर आए उन्होंने बताया कि उन लोगों के द्वारा की गई मेहनत को देखकर उन्हें बहुत ही ऊर्जा मिलती है हालांकि 21वें दिन उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया इसके बाद वह 2 दिन के लिए अपने गांव चले गए इस बीच में हो रहे लद्दाख अनशन में महिलाओं ने नेतृत्व संभाला और इसके बाद सोनम वहा धरना प्रदर्शन पर वापस आ गए उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि उनकी मांगे सुन ली जाए उन्होंने जो वादा किया था वह वादा पूरा कर दें।

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