Dr S. Somanath ISRO Chairman Biography, Chandrayaan 3

Dr. S. Somanath Biography: दोस्तों 23 अगस्त 2023 की तारीख भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिख दी गई है 23 अगस्त 2023 शाम 6:04 पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने वह कारनामा कर दिखाया जो दुनिया का कोई भी देश ना कर सका । जी हां दोस्तों इसरो  चंद्रयान-3 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंड करा चुका है और इसी के साथ भारत चन्द्रमा के दक्षिण ध्रुव पर पहुंचाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है और चंद्रमा की सतह पर कदम रखने वाला चौथा देश बना है ।

इससे पहले उत्तरी ध्रुव पर रूस, अमेरिका और चीन ने कदम रखा था चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने का प्रयास रूस ने अभी हाल ही में किया था लेकिन वह अपने प्रयास में असफल रहा। दोस्तों इसरो ने यह सफलता महज 615 करोड रुपए में पाई जहां पर भारतीय फिल्मों का बजट 1500 करोड़ होता है वहीं भारत के महान वैज्ञानिकों ने अपनी सूझबूझ से केवल 615 करोड़ रुपयों में चंद्रयान-3 को चंद्रमा की सतह पर उतार दिया।

दोस्तों यह सुनने में जितना आसान लग रहा है उतना है नहीं? 16500 वैज्ञानिकों के प्रयास और उनकी मेहनत का नतीजा है। और उन 16500 वैज्ञानिकों में से एक हैं इसरो के प्रमुख Dr. S. Somanath जिनका चंद्रयान-3 मिशन में अहम योगदान रहा उनकी अगुवाई में आज भारत में दुनिया में अपनी एक नई पहचान बनाई है आज भारत उन समृद्ध देश की सूची में आकर जुड़ गया है जो लोग अंतरिक्ष पर जाने में सफल रहे । “हम भारतीय हैं और हम किसी से कम नहीं”

दोस्तों आज हम लोग इस ब्लॉक में इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ के बारे में विस्तार से जानने का प्रयास करेंगे कि उन्होंने कैसे चंद्रयान 3 में अपना अहम योगदान निभाया और उन्हें यह सौभाग्य कैसे प्राप्त हुआ, आखिर कैसे बने इसरो के प्रमुख और इसरो के प्रमुख बनने से पहले वह किस पद पर कार्यरत थे ।

Dr. S. Somanath के बारे मे

एस सोमनाथ का जन्म 1963 के जुलाई माह में हुआ था, सोमनाथ जी केरल के मूल निवासी हैं और उनका जन्म Aroor Aloppuzha केरल में हुआ था । इनके पिता हिंदी के प्रोफेसर थे इसके बावजूद बेटे की विज्ञान में रुचि देखकर उन्होंने खुद ही यह डिसाइड किया कि वह विज्ञान अपने बेटे को स्वयं ही पढ़ाएंगे जिससे कभी भी उनका बेटा विज्ञान में पीछे ना रहे और उन्होंने खुद पढ़ाई करके अपने बेटे को साइंस पढ़ाई उनके पिता जी का नाम   vedamparambil Sreedhara panidheer  है औरउनकी माता का नाम thanakamna है।

कौन है एस सोमनाथ ( who is S. Somanath)

Dr S. Somanath ISRO Chairman Biography

एस सोमनाथ का पूरा नाम श्रीधर पाडिकर सोमनाथ है और वह एक एयरोस्पेस इंजीनियर और रॉकेट टेक्नीशियन है सोमनाथ वर्तमान समय में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ,इसरो के प्रमुख हैं वह इसरो के दसवें नंबर के प्रमुख हैं इससे पहले इसरो के प्रमुख के सिवान थे। सोमनाथ जी को लोग प्यार से एस सोमनाथ बुलाते हैं।

S. Somanath की शिक्षा

एस सोमनाथ बचपन से ही पढ़ने में काफी अच्छे थे उनके पिता श्री हिंदी भाषा के प्रोफेसर थे वह अपने बेटे को विज्ञान में अधिक रुचि लेते हुए देखते थे इसके लिए उन्होंने हिंदी प्रोफेसर होने के बावजूद भी खुद विज्ञान का अध्ययन किया और अपने बेटे को विज्ञान पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया और स्वयं ही विज्ञान पढ़ाया करते थे 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद सोमनाथ ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया इसके बाद ऐरोस्पेस इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की और उसके बाद उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में  पीएचडी की वह व्हीलर स्ट्रक्चरल सिस्टम को लॉन्च करने में अधिक ज्ञान रखते हैं इसके अलावा स्ट्रक्चरल डायनेमिक मैकेनिकल और व्हीलर इंटीग्रेशन को भी लॉन्च करने की समझ रखते हैं।

S. Somanath जी का परिवार

यश सोमनाथ की शादी  वलसला से हुई है और वह वर्तमान समय में मिनिस्ट्री आफ फाइनेंस के जीएसटी डिपार्मेंट में तैनात हैं उनसे, सोम को दो बच्चे हैं उनके दोनों बच्चों ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर लिए और वह अपने पिता की तरह हैं आगे स्पेस में महारत हासिल करना चाहते हैं।

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S. Somanath का करियर

यश सोमनाथ ने अपने इंटरव्यू में बताया है कि जब वह बीटेक के फाइनल ईयर में थे तब उनका और उनके कुछ साथियों का चयन इसरो के ऐरोस्पेस मिशन में हुआ था और उनका चयन अंतिम सेमेस्टर के अंक के आधार पर हुआ था वह पढ़ने में बहुत अच्छे थे और उनकी मेहनत ने उन्हें अपनी मंजिल की तरफ पहुंच ही दिया था जिस समय वह इसरो में कदम रखे थे उसे समय इसरो में पीएसएलवी की टेस्टिंग शुरू हुई थी उन्होंने पीएसएलवी से अपने करियर की शुरुआत की थी।

सोमनाथ ने अपने करियर की शुरुआत 1985 में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र से की थी विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र इसरो का प्रमुख केंद्र है जो लॉन्चिंग व्हीकल के लिए काम करता है शुरुआत में सोमनाथ ने पीएसएलवी पोलर सैटलाइट लॉन्चिंग व्हीकल के प्रोजेक्ट मैनेजर के तौर पर काम किया था। इसके बाद साल 2010 में जीएसएलवी एमके III लॉन्च व्हीकल के प्रोजेक्ट डायरेक्टर बने।

इसके बाद साल 2015 में liquid propulsal system के डायरेक्टर के तौर पर काम किया जो मुख्य रूप से लॉन्च व्हीकल और स्पेस कार्यक्रम के लिए लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम के डिजाइनर के रूप में जिम्मेदार था। सोमनाथ के मुख्य रूप से चंद्रयान फर्स्ट और चंद्रयान-2 जो मिशन असफल रहा था की सहायक के रूप में कार्यरत है और चंद्रयान 3 में प्रोजेक्ट मैनेजर के साथ-साथ इसरो के प्रमुख के रूप में भी कार्यरत है ।

S. Somanath की चंद्रयान-3 के रूप में भूमिका

23 अगस्त 2023 को भारत का चंद्रयान 3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंड कर चुका है इसका श्रेय सबसे अधिक इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ को जाता है उनकी अगुवाई में उनकी टीम ने यह कारनामा कर दिखाया कि दुनिया का कोई भी देश न कर सका भारतीय इतिहास में इस दिन को सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा और चंद्रमा पर भारतीय ध्वज को विक्रम लैंडर ने फहरा कर भारत का नाम ऊंचा कर दिया ,“कहते हैं असफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करो ,क्या गलती रह गई देखो और सुधार करो”

तुम यह बात इसरो के वैज्ञानिकों पर पूरी खरी उतरती है इसरो के वैज्ञानिकों ने अपनी पुरानी गलतियों से सीखा और आज भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश हो गया है यह कारनामा 23 अगस्त 2023 को 18:04 पर हुआ इस दिन तारीख और समय को भारतीय इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा इसका श्रेय जाता है इसरो के दसवें प्रमुख श्रीधर पाडिकर सोमनाथ को जाता है। जिन्हें प्यार से लोग S. Somanath भी कहते हैं उनकी अध्यक्षता में भारत ने यह सफलता पाई है।

S. Somanath इसरो के प्रमुख के रूप में

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन) इसरो के 10वे नंबर के प्रमुख एस सोमनाथ जी हैं उन्होंने यह कार्यभार 14 जनवरी 2022 को संभाली थी , इसके पहले इसरो के प्रमुख के सीवान जी थे जिनकी अध्यक्षता में चंद्रयान-2 लॉन्च हुआ था लेकिन वह कुछ कारणों की वजह से सॉफ्ट लैंडिंग करने में असफल रहा था लेकिन उनके द्वारा की गई मेहनत चंद्रयान-3 को सॉफ्ट लैंडिंग करने में अहम भूमिका निभाती है।

चंद्रयान-3

चंद्रयान 3 को 14 जुलाई 2023 को पृथ्वी से सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रमा के लिए भेजा गया था चंद्रयान 3 को एलवीएम3 एम 4 रॉकेट के द्वारा लॉन्च किया गया था चंद्रवंशी में चंद्रयान-2 की तरह एक विक्रम लैंडर और एक प्रज्ञान रोवर है और चंद्रायंत्री 23 अगस्त 2013 को 18:04 पर चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंड कर चुका है और वहां से वह चंद्रमा की तस्वीर और चंद्रमा पर उपस्थित वातावरण पानी की जांच करने के पश्चात परिणाम पृथ्वी पर भेज रहा है इसका कार्यकाल 15 दिनों का होगा।

विक्रम लैंडर का वजन 1792 किलोग्राम है प्रज्ञान रोवर का वजन 26 किलोग्राम है चंद्रयान-3 की खास बात यह है कि इसमें चंद्रयान 2 की तरह ऑर्बिटर नहीं है क्योंकि चंद्रयान दो का आर्बिटल चंद्रमा की कक्षा में सुरक्षित और सही तरीके से कच्ची गति कर रहा है इसीलिए चंद्रयान 3 में ऑर्बिटर नहीं भेजा गया था आर्बिटल का काम चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर से किया गया है जो विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के द्वारा दी गई जानकारी को पृथ्वी तक भेजेगा।

पुरस्कार और सम्मान

  • साल 2014 में सोमनाथ को परफॉर्मेंस एक्सीलेंस अवार्ड दिया गया था
  • साल 2019 में इसरो वैज्ञानिक पुरस्कार दिया गया था
  • 2021 शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार
  • साल 2022 में एस सोमनाथ को पद्मश्री पुरस्कार सम्मानित किया गया है।

S. Somanath के बारे में रोचक तथ्य

S. Somanath जी संस्कृत भाषा के अच्छे वक्ता और अच्छे समाज वाले व्यक्ति हैं ।

उन्होंने संस्कृत भाषा पर बने एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म यणम में अभिनय कर चुके हैं इस फिल्म को 14 अक्टूबर 2022 को रिलीज करवाया गया था।

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के सिवान कौन है?

के सिवान जी इसरो के 9 वे प्रमुख थे जिनके द्वारा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के लिए प्रक्षेपण वाहनों के डिजाइन और विकास पर काम किया गया है ।


चंद्रयान 3 लीडर कौन है?

एस सोमनाथ जी चंद्रयान 3 के लीडर थे उन्होंने 2022 मे इसरो के प्रमुख का पद संभाला था ।


चंद्रयान में लैंडर और रोवर क्या है?

विक्रम लैंडर का वजन 1792 किलोग्राम है प्रज्ञान रोवर का वजन 26 किलोग्राम है चंद्रयान-3 की खास बात यह है कि इसमें चंद्रयान 2 की तरह ऑर्बिटर नहीं है क्योंकि चंद्रयान दो का आर्बिटल चंद्रमा की कक्षा में सुरक्षित और सही तरीके से कच्ची गति कर रहा है इसीलिए चंद्रयान 3 में ऑर्बिटर नहीं भेजा गया था आर्बिटल का काम चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर से किया गया है जो विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के द्वारा दी गई जानकारी को पृथ्वी तक भेजेगा।

इसरो का पूरा नाम क्या है?

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन) है ।

इसरो के डायरेक्टर कौन है?

श्रीधर पाडिकर सोमनाथ , इसरो के डायरेक्टर है

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