भारत के नए युवा ग्रैंडमास्टर R Praggnanandhaa ने पिछले दिनों मे बहुत सी सुर्खिया बटोरी है , उन्होंने ये अपने दम पर पाया है और भारत को शतरंज के उस मोड़ पर पहुचा दिया है जहा से भारतीय लोगों को उनके ऊपर गर्व महसूस हो सके ।
तो दोस्तों आज के इस लेख मे हम रमेश बाबू प्रज्ञानान्धा के बारे सब कुछ बिस्तार् से समझने की कोशिश करेंगे और उन्होंने इस मुकाम तक पहुचने मे कितनी मुश्किलों का सामना किया ये भी जानने की कोशिश करेंगे तो आप लोग लेख को पूरा पढे ।

ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानान्धा कौन है ( who is R Praggnanandhaa )
रमेश बाबू प्रज्ञानान्धा एक नवयुवक chess प्लेयर है। इनका जन्म 10 अगस्त 2005 को तमिलनाडु के चेन्नई शहर में हुआ था। प्रज्ञानान्धा साल 2023 के हिसाब से 18 वर्ष के हैं। इनके पिता का नाम ‘ रामबाबू ‘ और इनकी माँ का ‘ नगलक्श्मी ‘ है। इनकी एक बड़ी बहन भी है जिनका नाम ‘ वैशाली रामबाबू ‘ हैं। 10 साल की उम्र में, प्रज्ञानान्धा को इंटरनेशनल मास्टर का टाइटल दिया गया था। उसके दो साल बाद, यानी 12 साल की उम्र में उन्हें इंटरनेशनल ग्रैंडमास्टर का टाइटल दिया गया था।
प्रज्ञानान्धा को child prodigy भी कहा जाता है। Child Prodigy का मतलब होता है – जो बच्चे कम उम्र में या 10 साल की उम्र किसी एक स्किल में बहुत expert हो जाते है और उन्हें उस स्किल कि वजह से पहचाना जाए तब उन्हें Child prodigy कहा जाता है। प्रज्ञानान्धा को 2707 की FIDE रेटिंग मिली हुई है। प्रज्ञानान्धा इंटरनेशनल रैंकिंग में 29 वें नंबर के ग्रैंडमास्टर chess प्लेयर है।
प्रज्ञानान्धा ने chess खेलना कैसे सिखा ?
प्रज्ञानान्धा ने chess खेलना अपनी बड़ी बहन वैशाली से सीखा था। वैशाली को chess खेलना बहुत पसंद था। इसलिए उनके पिता ने वैशाली को chess classes में भी भेजा था। ताकि वे और अच्छा खेल सके। प्रज्ञानान्धा की बहन ने पहले chess खेलना सीखा और उन्हीं को देख-देखकर प्रज्ञानान्धा ने chess खेलना सीखा। जब लगभग वे साढ़े तीन साल के थे तब से वे अपनी बहन को chess खेलते हुए देखते आ रहे थे। जब उनके परिवार में यह देखा कि प्रज्ञानान्धा chess खेलने मे बहुत ही अच्छा है तो उन्हें भी chess classes में ज्वाइन करा दिया । जिससे उनकी chess खेलने की स्किल और भी बेहतर बनती गई ।
इसे भी पढे – Dr S. Somanath ISRO Chairman Biography, Chandrayaan 3
प्रज्ञानान्धा ने कहा तक पढ़ाई करी है ?
प्रज्ञानान्धा अभी इस समय दसवीं कक्षा में पढ़ रहे हैं। प्रज्ञानान्धा Velammal Matriculation Higher Secondary School में पढ़ते है । प्रज्ञानान्धा पढ़ाई में भी बहुत अच्छे हैं। उनके टीचर्स भी उन्हें पढ़ने में बहुत प्रोत्साहित करते हैं। लेकिन उनका मेन फोकस chess के competition में ही रहता है । साल 2022 में, वे जब कक्षा 9 में थे । तब वे क्लास में अच्छे अंको से पास हुए थे ।
यह भी पढे :
- Sanju Sehrawat की 20 लाख कर्ज से करोड़ों कमाने की कहानी ।
- IAS Suraj Tiwari Biography दोनों पैर गवाने के बाद बने IAS
- Rinku Singh (Cricketer) Hindi Biography | रिंकू सिंह का जीवन परिचय
प्रज्ञानान्धा के माता – पिता के बारे में
प्रज्ञानान्धा के पिता का नाम रामबाबू है। रामबाबू एक ब्रांच मैनेजर हैं TNSC बैंक में। रामबाबू को कुछ साल पहले पोलियो की बीमारी हो गयी थी, तो वे एक पोलियो से ग्रसित व्यक्ति हैं। हालाँकि अब वे पहले ठीक हैं। रामबाबू ने अपने दोनों बच्चों के chess के career में बहुत ही सपोर्ट किया । जिसकी वजह से प्रज्ञानान्धा आज इस मुकाम तक पहुँच पाये है। रामबाबू की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण वे अपनी बेटी वैशाली को chess की पूरी classes नहीं करवा पाते थे।
प्रज्ञानान्धा की माँ का नाम नगलक्श्मी है ,वे एक गृहिणी है ,प्रज्ञानान्धा अपनी के घर के कामों भी हाथ बटाते़ हैं। उनकी माँ भी उनके chess के competition के लिए बहुत सपोर्ट करती हैं ।
प्रज्ञानान्धा का chess career कैसे शुरू हुआ ?
जैसा कि पहले पहले ही पता है कि प्रज्ञानान्धा बचपन से ही अपनी बड़ी बहन वैशाली को chess खेलते हुए देखकर chess खेलना सीखा था। फिर उन्होंने कई लोकल chess competition खेले और उन championships को जीतने के बाद उन्हें और आगे की competition खेलने के लिए उनके पिता ने उन्हें chess की क्लास ज्वाइन कराई । उसके बाद कई स्टेट लेवल टूर्नामेंट जीतने के बाद उन्हें नेशनल लेवल टूर्नामेंटों में महारथ हासिल करा ।
प्रज्ञानान्धा के कोच ने उन्हें उनकी स्किल को और अच्छा करने के लिए बहुत ट्रेनिंग दी है । R B Ramesh प्रज्ञानान्धा के chess टूर्नामेंट्स के कोच है, वे प्रज्ञानान्धा के लिए वीकली टूर्नामेंट भी करवाते हैं। जिससे प्रज्ञानान्धा की प्रैक्टिस और भी मजबूत हो सके । वे प्रज्ञानान्धा को अलग – अलग मैच के लिए अलग – अलग स्ट्रेटेजी भी बताते हैं।
हाल ही में, प्रज्ञानान्धा ने वर्ल्ड champion मैग्नस कार्लसन को Chessable Masters Online Tournament 2023 में हराया था , जिसके बाद प्रज्ञानान्धा भारत के सबसे नवयुवक प्लेयर बन गए है जो कि Chess World Cup Finals में पहुँच गए । हालाँकि वे Chess World Cup Finals में जीत हांसिल नहीं कर पाए मगर उनके हौसले बुलंद है । ऐसा करने वाले प्रज्ञानान्धा भारत के विश्वनाथ आनंद के बाद दूसरे chess प्लेयर बन चुके हैं ।
Ramesh babu Praggnanandhaa के बारे मे कुछ तथ्य
- Praggnanandhaa एक भारतीय चेस प्लेयर है । Praggnanandhaa भारत पांचवें chess प्लेयर है जिन्हें ग्रैंडमास्टर का टाइटल मिला हुआ है। वे चार ग्रैंडमास्टर के नाम है – अभिमन्यु मिश्रा, श्रीजी कर्जाकिन, गूकेश और जवोखिर् श्रीदेव ।
- साल 2013 में, Praggnanandhaa ने World Youth Chess Championship जीता था वो सात साल कि उम्र में और साल 2015 में प्रग्ग्ननन्धा को FIDE मास्टर का टाइटल मिला था।
- 10 साल 10 महीने और 19 दिन की उम्र में प्रज्ञानान्धा ने बहुत बड़ा इतिहास रचा था कि दुनिया के सबसे नवयुवक chess मास्टर प्लेयर होने का ।
- साल 2017 में, Praggnanandhaa ने वर्ल्ड जूनियर chess championship मे ग्रैंडमास्टर का टाइटल जीता था ।
- 17 अप्रैल 2018 को प्रज्ञानान्धा ने Hirakolin Fischer Memorial GM Norm टूर्नामेंट में दूसरा ग्रैंडमास्टर का टाइटल जीता था जो को greece मे आयोजित हुआ था ।
- 23 जून 2018 को Praggnanandhaa ने gradine open टूर्नामेंट में तीसरा ग्रैंडमास्टर टाइटल का खिताब जीता था ।
- साल 2022 में, प्रज्ञानान्धा ने Air things Masters Championship के आठवें राउंड में एक ऐसा इतिहास रच दिया जिसमें प्रज्ञानान्धा ने World Champion मैग्नस कार्लसन को हरा कर जीत हांसिल की । जिसके बाद सचिन तेंदुलकर के खुद ट्वीट करके प्रज्ञानान्धा को बधाई दी ।
- Praggnanandhaa सोशल मिडिया पर भी एक्टिव रहते है। इनके फेसबुक पर लगभग 15 हज़ार लोगों ने फॉलो कर रखा है और twitter पर लगभग 2 लाख 28 हज़ार लोगों ने फॉलो कर रखा है ।
- मई 2022 में मैग्नस कार्लसन को तीन महीने में दूसरी बार हाराने का इतिहास रचा थाा ।
- Praggnanandhaa दुनिया के दूसरे ऐसे chess प्लेयर है जिनको अंडर 18 में 2600 से ज्यादा कि रेटिंग मिली हुई है । मौजूदा इस वक़्त इनको 2707 कि रेटिंग मिली हुई है।